Emotional Wedding Story: लखनऊ: उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एक अनोखी शादी सामने आई हुई है। आज के दौर में जहां शादियां अक्सर दहेज के लेन-देन और दिखावे का केंद्र बन जाती हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने समाज के सामने एक नई नजीर पेश की है। यहां एक दूल्हे ने शादी की रस्मों के दौरान नोटों से भरा थाल लौटाकर सबका दिल जीत लिया। जब ससुराल वालों ने उसे 31 लाख रुपये शगुन के तौर पर देने चाहे, तो दूल्हे ने साफ शब्दों में कहा कि उसे पैसे नहीं, बल्कि घर की लक्ष्मी चाहिए। इस dowry refusal ने पूरे इलाके में दूल्हे और उसके परिवार का मान बढ़ा दिया है।
मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना गांव निवासी दुल्हन के नाना सुखपाल सिंह (Sukhpal Singh) ने बताया कि उन्होंने अपनी नातिन अदिति सिंह का विवाह नगवा गांव के रहने वाले हरवीर राणा के बेटे अवधेश सिंह से तय किया था। अदिति के पिता की कोरोना काल में मौत हो चुकी है। बीते 5 साल से अदिति उनके पास ही रह रही है। अदिति एमएससी पास है। अदिति की शादी ननिहाल पक्ष मिलकर कर रहा है। अदिति के दो मामा भी हैं।
व्यवसायी है दूल्हे का परिवार
सुखपाल सिंह ने बताया कि दूल्हे अवधेश का परिवार व्यवसाय करता है। बुधवार रात को शादी के दौरान लड़की के घर वालों ने भेंट के तौर पर दूल्हे अवधेश की तरफ 31 लाख रुपए की नोटों से भरी थाल बढ़ाई। अचानक दूल्हे अवधेश ने थाल लेने से मना कर दिया और कहा यह मुझे नहीं चाहिए। इन पर मेरा अधिकार नहीं। यह अदिति के पिता की गाढ़ी कमाई है। इसे मैं स्वीकार नहीं कर सकता है। मुझे सिर्फ दुल्हन चाहिए।
दूल्हे अवधेश का परिवार व्यवसाय से जुड़ा हुआ है और वे आर्थिक रूप से संपन्न हैं। लेकिन जिस तरह से उन्होंने समाज में फैल रही दहेज जैसी कुप्रथा को नकारते हुए सादगी और संस्कारों को चुना, वह काबिले-तारीफ है। जहां एक तरफ दहेज के लिए बहुओं को प्रताड़ित करने की खबरें आती हैं, वहीं अवधेश जैसे युवाओं की सोच यह उम्मीद जगाती है कि बदलाव संभव है। यह शादी न केवल दो परिवारों का मिलन बनी, बल्कि समाज के लिए एक inspiring wedding story बन गई है।

