कुमाऊं में आसमान से आफत की दस्तक: अगले चार दिन भारी बारिश का रेड अलर्ट!
उत्तराखंड में मौसम के बदलते मिजाज से लोगों को अगले चार दिनों में भारी बारिश का सामना करना पड़ सकता है। प्रदेश के कई क्षेत्रों में तेज बारिश की संभावना जताई गई है, जिसमें विशेष रूप से कुमाऊं क्षेत्र को लेकर चिंता जताई जा रही है। मौसम विज्ञान केंद्र ने इन इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है, जिसमें बिजली चमकने और तेज गर्जन के साथ भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। प्रशासन ने लोगों सर्तकता बरतने की अपील की है।
कुमाऊं मंडल में इन जिलो में जारी हुआ रेड अलर्ट:
कुमाऊं मंडल, जिसमें नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, और चंपावत जिले शामिल हैं, में अगले चार दिनों में भारी से भारी बारिश की संभावना है। इन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है।
गढ़वाल मंडल में ऑरेंज अलर्ट:
देहरादून, पौड़ी, टिहरी, और हरिद्वार जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। इन क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें मौसम के खराब होने की संभावना को लेकर चेतावनी दी गई है। उत्तरकाशी, चमोली, और रुद्रप्रयाग जिलों में भी तेज गर्जन और बिजली चमकने के साथ भारी बारिश की संभावना है। येलो अलर्ट के तहत लोगों को सावधान रहने और सुरक्षित स्थानों पर बने रहने की सलाह दी गई है।
कुमाऊं क्षेत्र के अधिकांश जिलों में भारी बारिश की स्थिति के कारण स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर है। नैनीताल और अल्मोड़ा जैसे इलाकों में जल जमाव और भूस्खलन की संभावना बढ़ गई है। स्थानीय निवासियों को विशेष सावधानी बरतने और गैर-आवश्यक यात्रा से बचने को कहा गया है। गढ़वाल मंडल के देहरादून, पौड़ी, और टिहरी जैसे जिलों में भी बारिश की तीव्रता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट मोड में रखा गया है। हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे रहने वाले निवासियों से सतर्क रहने को कहा गया है।
उत्तरकाशी, चमोली, और रुद्रप्रयाग में येलो अलर्ट:
गर्जन और बिजली चमकने के साथ बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस अलर्ट के तहत विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भूस्खलन और अन्य आपदाओं से बचने के लिए तैयारी करने को कहा गया है। सरकार और स्थानीय प्रशासन ने आने वाले दिनों में यात्रा करने से बचने की सलाह दी है। विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कें अवरुद्ध होने के कारण भूस्खलन की संभावना जताई गई है।
प्रशासन ने आपातकालीन सेवाएं और बचाव दल को अलर्ट पर रखा हैं। तेज गर्जन और बिजली चमकने की संभावनाओं को देखते हुए बिजली की कटौती और बिजली के उपकरणों को नुकसान होने की संभावना है। लोगों को बिजली उपकरणों को संभालकर रखने की सलाह दी गई है। वही बाढ़ और जलजमाव से उत्पन्न होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों को देखते हुए, लोगों को पीने के पानी की सुरक्षा और संक्रामक रोगों से बचाव के उपाय करने को कहा गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, "अगले चार दिनों में बारिश की तीव्रता काफी बढ़ सकती है। कुमाऊं क्षेत्र के जिलों में सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा, लेकिन गढ़वाल क्षेत्र में भी सतर्कता बरतने की जरूरत है। राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने बारिश के दौरान होने वाली आपदाओं के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। राहत और बचाव दल तैनात किए गए हैं और सभी आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट पर रखा गया है। सरकारी अधिकारियों ने विभिन्न जिलों में स्थिति की निगरानी के लिए विशेष टीमों को तैनात किया गया है।