Contract Employees Regularization : अनियमित कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, नवरात्रि से पहले दे दी बड़ी सौगात
Contract Employees Regularization : मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण (Regularization) की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के विवादित बयान ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। अतिथि शिक्षक लंबे समय से अपनी नौकरी के स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।
Contract Employees Regularization : मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षकों (Guest Teachers) द्वारा अपने नियमितीकरण (Regularization) की मांग को लेकर आंदोलन जारी है, लेकिन अभी तक उनकी मांग पूरी होती नजर नहीं आ रही है। राज्य में लगभग 75,000 अतिथि शिक्षक अपने स्थायीकरण की आस लगाए हुए हैं। फिलहाल, 10 महीने के सेवा काल पर सहमति बन चुकी है, लेकिन नियमितीकरण को लेकर कोई नीतिगत निर्णय नहीं लिया गया है। इस बीच, राज्य के शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह (Education Minister Rao Uday Pratap Singh) के एक बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है।
स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह (Education Minister Rao Uday Pratap Singh) ने अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण पर बोलते हुए कहा, "अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण (Regularization of guest teachers) क्यों करना चाहिए? उनका नाम ही अतिथि है। मेहमान बनकर आए हो तो क्या घर पर ही कब्जा करोगे?" इस बयान ने आंदोलनरत अतिथि शिक्षकों में नाराजगी पैदा कर दी है, जो अपने नियमितीकरण (Regularization) की मांग को लेकर पिछले कई वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं।
हालांकि, मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार अतिथि शिक्षकों की मांगों पर विचार कर रही है और इसके लिए एक बैठक भी आयोजित की गई है। लेकिन उनके बयान ने आंदोलन के बीच विवाद को और बढ़ा दिया है। सरकार ने पहले ही यह सुनिश्चित किया था कि 30% से कम परीक्षा परिणाम देने वाले अतिथि शिक्षकों को दोबारा मौका दिया जाएगा और उन्हें नौकरी से नहीं निकाला जाएगा।
अतिथि शिक्षकों (Guest Teachers) का यह आंदोलन सिर्फ वर्तमान सरकार तक सीमित नहीं है। साल 2018 में भी अतिथि शिक्षकों (Guest Teachers)ने कांग्रेस सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी से मुलाकात की थी और नियमितीकरण (Regularization) की मांग की थी। उस समय भी आश्वासन मिला था कि अतिथि शिक्षकों के स्थायीकरण पर नीति बनाई जाएगी, लेकिन आज तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
अब जबकि अतिथि शिक्षक (Guest Teachers) अपनी मांगों को लेकर फिर से आंदोलन कर रहे हैं, कांग्रेस भी उनके साथ खड़े होने का दावा कर रही है। लेकिन सवाल यह उठता है कि जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, तब अतिथि शिक्षकों के लिए कोई नीतिगत कदम क्यों नहीं उठाए गए? अतिथि शिक्षकों (Guest Teachers) के लिए नियमितीकरण (Regularization) का मुद्दा केवल एक सरकारी प्रक्रिया नहीं, बल्कि उनके भविष्य और स्थिरता से जुड़ा हुआ है। अब देखना होगा कि सरकार उनके लिए क्या निर्णय लेती है और यह आंदोलन किस दिशा में आगे बढ़ता है।