हिमाचल में ठेकेदारों को नहीं मिला 820 करोड़ का बकाया, पांगी में मजदूरों को वेतन देना मुश्किल, काम बंद करने की नौबत
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चंबा: हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट के चलते लोक निर्माण विभाग (PWD) के ठेकेदारों को 21 नवंबर से भुगतान पर प्रदेश सरकार की ओर से रोक लगा दी गई है। भुगतान पर रोक लगने के कारण प्रदेश के करीब पांच हजार पंजीकृ़त ठेकेदारों को अपने मजदूरों के वेतन का भुगतान करने में काफी दिक्कतों का समना करना पड़ रहा है। दिया गया है। इस फैसले से प्रदेश के लगभग 5000 पंजीकृत ठेकेदारों (Registered Contractors) को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कई ठेकेदारों की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि काम बंद करने की तैयारी में हैं। उधर चंबा जिले के जनजातीय क्षेत्र पांगी में ठेकेदारों (Contractors in tribal area Pangi) के भुगतान रुकने के कारण मजदूरों के वेतन भुगतान न होने के कारण ठंड में लेबर पांगी में भटक रही है। शनिवार को मुख्यालय किलाड़ (Headquarter Killar) में एक निजी भवन में रुकी यूपी व बिहार के मजदूरों ने बताया की वह धरवास-सुराल व साच घराट- हिलूटवान सड़क पर एक ठेकेदार के साथ काम करते है। लेकिन ठेकेदार की ओर से उनके वेतन नहीं देने पर उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ठेकेदारों के 820 करोड़ रुपए अटके PWD को ठेकेदारों के करीब 820 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। इनमें से 'ए' श्रेणी के कई ठेकेदारों के 50 लाख से अधिक के बिल लंबित हैं। ठेकेदार लगातार PWD इंजीनियरों और विभागीय मंत्रियों से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन ट्रेजरी से भुगतान न मिलने के कारण कोई समाधान नहीं हो रहा।हिमाचल प्रदेश कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन के महासचिव संदीप चंदेल ने बताया कि मजदूरों और स्टाफ को पेमेंट न दे पाने की वजह से अब ठेकेदार काम बंद करने की स्थिति में हैं। केवल 10-15 हजार रुपये की छोटी पेमेंट हुई है, जबकि बड़े बिल अटके हुए हैं। यदि यह समस्या जल्द हल नहीं हुई, तो विकास कार्य ठप हो सकते हैं, क्योंकि PWD, जल शक्ति विभाग और बिजली बोर्ड के अधिकांश काम ठेकेदारों के माध्यम से ही पूरे किए जाते हैं। PWD के प्रमुख अभियंता (ENC) एनपी सिंह ने बताया कि विभाग ठेकेदारों के बिल तैयार करके ट्रेजरी को भेज रहा है। विभाग के स्तर पर किसी भी बिल को नहीं रोका जा रहा है।