बड़ी उपलिब्ध || सरकाघाट की 13 वर्षीय बेटी ने पास की ISRO की युविका परीक्षा, देहरादून में करेगी प्रशिक्षण
बड़ी उपलिब्ध || यदि बच्चा वैज्ञानिक बनने के प्रति अधिक जागरूक हो जाता है तो उसे भविष्य में इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए इसरो की ओर से हर संभव मदद भी दी जाती है
Achievement || इस परीक्षा को पास करने के बाद अंतरा अब इसरो द्वारा देहरादून, उत्तराखंड (uk) में आयोजित होने वाले दो सप्ताह के आवासीय प्रशिक्षण शिविर में भाग लेंगी और विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में कई रोचक जानकारी प्राप्त करेंगी। अंतरा के पिता संतोष ठाकुर ने कहा कि उनकी बेटी को विज्ञान और
मंडी: जिले के सरकाघाट उपमंडल के गैहेरा गांव की 13 वर्षीय लड़की (thirteen years old girl) अंतरा ठाकुर ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की युविका परीक्षा (examination) उत्तीर्ण की है। अंतरा मूल रूप से गेहरा गांव की रहने वाली है लेकिन शिमला में रहती है जहां वह अपनी पढ़ाई कर रही है। अंतरा के पिता संतोष ठाकुर एक निजी कंपनी (private company) में काम करते हैं जबकि उनकी मां उर्मिल ठाकुर एक गृहिणी हैं। बच्ची की उपलब्धि (achievement) से पूरा परिवार खुश है!
इस परीक्षा को पास करने के बाद अंतरा अब इसरो द्वारा देहरादून, उत्तराखंड (uk) में आयोजित होने वाले दो सप्ताह के आवासीय प्रशिक्षण शिविर में भाग लेंगी और विज्ञान (science) और अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में कई रोचक जानकारी प्राप्त करेंगी। अंतरा के पिता संतोष ठाकुर ने कहा कि उनकी बेटी को विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान (science) में गहरी रुचि है, जिसके कारण उसने युविका कार्यक्रम (programme) के तहत आयोजित परीक्षा में भाग लिया और अब उसे पास कर लिया है. रिपोर्ट्स (reports) के मुताबिक, परीक्षा देने वाले तीन लाख छात्रों में से केवल 150 छात्रों का चयन किया गया था। यदि बच्चा वैज्ञानिक (scientist) बनने के प्रति अधिक जागरूक हो जाता है तो उसे भविष्य में इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए इसरो की ओर से हर संभव मदद भी दी जाती है।क्या है युविका का मतलब 'यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम' (young scientist programme) जो इसरो द्वारा चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत अंतरिक्ष और विज्ञान के क्षेत्र में रुचि रखने वाले स्कूली बच्चों को आगे आने का मौका दिया जाता है। युविका कार्यक्रम के तहत, इसरो हर साल एक परीक्षा (examination) आयोजित करता है जिसमें कक्षा 9 में पढ़ने वाले बच्चे आवेदन कर भाग ले सकते हैं।उसकी एक छोटी बहन भी है.इन 150 बच्चों को अब इसरो द्वारा दो सप्ताह तक आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। परीक्षा (examination) के माध्यम से 150 मेधावी उम्मीदवारों का चयन किया जाता है जिन्हें इसरो द्वारा दो सप्ताह का प्रशिक्षण (training )दिया जाता है। सारा खर्च इसरो उठाता है.