5 coin manufacturing cost: ₹5 का सिक्का कितने में बनता है? जानिए इस चौंकाने वाली हकीकत के बारे में


5 coin manufacturing cost: जब आपके हाथ में ₹5 का सिक्का आता है, तो क्या आपने कभी सोचा है कि इसकी असली कीमत (Real Cost) कितनी है? शायद नहीं। लेकिन जब आपको ये पता चलेगा कि सरकार को एक ₹5 का सिक्का बनाने में करीब ₹8 से ₹10 तक की लागत (Production Cost) आती है, तो आप जरूर चौंक जाएंगे।
क्या सच में ₹5 का सिक्का सरकार के लिए घाटे का सौदा है?
जी हां, ये बिल्कुल सच है। एक तरफ हम ₹5 का सिक्का (Coin) बड़ी सहजता से लेन-देन में इस्तेमाल करते हैं, वहीं दूसरी तरफ सरकार को इसे बनाने के लिए महंगी धातुएं (Metals), मशीनें (Machines), सिक्योरिटी फीचर्स (Security Features) और ट्रांसपोर्ट पर अच्छी-खासी रकम खर्च करनी पड़ती है। यही वजह है कि इसकी कुल लागत असल मूल्य से कहीं ज़्यादा हो जाती है।
आइए जानते हैं लागत का ब्रेकडाउन (Cost Breakdown):
- धातु (Metal): ₹3.5
- मिंटिंग यानी सिक्का गढ़ना (Minting): ₹2
- सुरक्षा डिज़ाइन (Security Design): ₹1
- ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स (Transport & Logistics): ₹2.5
इस तरह कुल मिलाकर एक ₹5 का सिक्का बनाने में ₹9-10 तक खर्च आ जाता है। यानी सरकार हर सिक्के पर सीधा घाटा झेलती है।
तो फिर सरकार सिक्के क्यों बनाती है?
यह सवाल बिल्कुल जायज है। सरकार को यह घाटा स्वीकार करना पड़ता है, और इसे Seigniorage Loss कहा जाता है। दरअसल, मुद्रा प्रणाली (Currency System) को बनाए रखना और लोगों की रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना सरकार की प्राथमिकता होती है। अगर सिक्कों की कमी हो जाए तो बाजार में लेन-देन बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।
अब जब भी ₹5 का सिक्का हाथ में आए...
तो ज़रा रुककर सोचिए कि इस छोटे से सिक्के की असली कीमत क्या है। ये सिर्फ धातु का टुकड़ा नहीं, बल्कि इसके पीछे सरकार की सोच, लागत और आपकी सुविधा छिपी है।