Himachal News: जहां भी जांच होगी वहां नजर आएगा भरपूर भ्रष्टाचार : जयराम ठाकुर

 
 जहां भी जांच होगी वहां नजर आएगा भरपूर भ्रष्टाचार : जयराम ठाकुर

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शिमला : शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार में चौतरफा भ्रष्टाचार व्याप्त है। जहां भी किसी शिकायत की जांच की जाए वहां पर व्यवस्था पतन और उच्च कोटि का भ्रष्टाचार जरूर देखने को मिलेगा। ताजा मामला जल शक्ति मंत्रालय का है। जहां पर सत्ता के संरक्षण में अधिकारी प्रदेश हित को दरकिनार कर सरकार के चहेतों को सहूलियत देने का रैकेट चला रहे थे। जल शक्ति की परियोजनाओं के टेंडर को ऑनलाइन न करने के लिए छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट रहे थे। जिससे अपनी सुविधा के अनुसार लोगों को टेंडर दिया जाए। कानून के साथ इस तरह का खिलवाड़ करके अधिकारी किसके कहने पर, किसके चहेतों को लाभ पहुंचा रहा था इसका जवाब आना अभी बाकी है। लेकिन इस पूरे प्रकरण में हाई कोर्ट द्वारा संबंधित अधिकारी को हटाने के निर्देश देने और भविष्य में किसी भी महत्वपूर्ण जगह तैनाती न देने का आदेश देकर हिमाचल के हितों को सुरक्षित किया इसके लिए न्यायालय का विशेष रूप से आभार प्रकट करता हूं।

जयराम ठाकुर ने कहा यह घटना तो महज एक बंदगी है। जहां भी इस सरकार के करगुजारियों की जांच होगी, वहीं पर ही हिमाचल प्रदेश को शर्मसार करने वाले घोटाले सामने आएंगे। पहले इसी जल शक्ति विभाग में स्कूटर, मोटर  साइकिल और कार से करोड़ों का पानी लोगों को सप्लाई किया गया। कांग्रेस सरकार के नजदीकी लोगों द्वारा स्कूटर को जेसीबी बनाकर करोड़ों की मिट्टी खोदी और ढोई गई। यह सभी के सभी मामले सरकार द्वारा तत्परता से करवाई गई जांच में सामने नहीं आए हैं। इसके लिए सिविल सोसाइटी के लोगों लंबी लड़ाई लड़ी गई है। ऐसे मामलों में सरकार भ्रष्टाचार सामने आने  के बादभी कार्रवाई से गुरेज करती है या मजबूरन कार्रवाई की खानापूर्ति करती है। व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार में ज्यादातर भ्रष्टाचार सत्ता द्वारा संरक्षित और प्रायोजित है। बिजली बोर्ड और ऊर्जा निगम  में व्याप्त अराजकता पूरे प्रदेश के सामने हैं कि किस तरह से विमल नेगी के मौत के मामले की जांच को सीबीआई से न करवाने के लिए पूरा तंत्र सिर के बल खड़ा हो गया था।

पहले भी न्यायालय केंद्र द्वारा भेजे गए  स्वास्थ्य विभाग के पैसे का मांग चुका है हिसाब

जयराम ठाकुर ने कहा कि इसी प्रकार हिमाचल की स्वास्थ्य व्यवस्था में भ्रष्टाचार और अराजकता व्याप्त है। लोग इलाज के अभाव में दर–दर भटक रहे हैं। हिमाचल की स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित एक सुनवाई के दौरान माननीय हाईकोर्ट ने 18 जुलाई को हिमाचल प्रदेश को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन यानी एनएचएम के तहत मिले 521.68 करोड़ रुपए के खर्चे की जांच के लिए केंद्र  सरकार को आदेश दिए हैं।  माननीय हाई कोर्ट द्वारा इस तरह का निर्देश देने से यह बात साफ है कि दाल में कुछ ना कुछ काला जरूर नजर आ रहा है। हिमाचल सरकार की स्वास्थ्य सचिव ने हाईकोर्ट में एनएचएम के खर्च का विवरण एक शपथ पत्र के माध्यम से दिया था।  हाईकोर्ट ने उस विवरण को अस्पष्ट पाया। माननीय न्यायालय ने इसके साथ ही केंद्र सरकार को हिमाचल सरकार द्वारा दिए गए खर्च से जुड़े विवरण की पड़ताल का भी आदेश दिया गया है। रसातल में जाती प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था और केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल के स्वास्थ्य सुविधाओं की बहाली के लिए भेजे गए पैसे की विवरण भी न दे पाने से यह बात साफ है कि हिमाचल प्रदेश सरकार केंद्र द्वारा भेजे गए नेशनल हेल्थ मिशन के पैसे का सही इस्तेमाल नहीं कर रही है।

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