Himachal Politics || खतरे में सुक्खू सरकार! कांग्रेस ने हिमाचल भेजा अपना 'चाणक्य', कर्नाटक और गुजरात में बचाई थी पार्टी की साख
राज्यसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी ने नियुक्त किए ऑब्जर्वर
कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा सांसद का चुनाव हारने के तुरंत बाद ही डी के शिवकुमार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने ऑब्जर्वर नियुक्त करते हुए हिमाचल
डीके शिवकुमार को क्यों कहा जाता है कांग्रेस का संकटमोचक?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2018 में कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव (assembly) में ना भाजपा ना कांग्रेस, किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। इस चुनाव में भाजपा (bjp) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। इस चुनाव में हालांकि, बीजेपी बहुमत से पीछे थी। इसके बाद डीके शिवकुमार की राजनीतिक (political expertise) कौशल और रणनीति की वजह से कांग्रेस पार्टी और जेडीएस का एक भी विधायक पाला नहीं बदल सका, जिसकी वजह से येदियुरप्पा सरकार बनती-बनती रह गई थी।
अहमद पटेल को राज्यसभा भेजने में निभाई अहम भूमिका
गुजरात के राज्यसभा चुनाव में डीके शिवकुमार (DK shiv Kumar) ने अहमद पटेल को जिताने के लिए अपनी राजनीतिक कौशल का परिचय देते हुए अहम भूमिका निभाई थी। अहमद पटेल को राज्यसभा भेजने की जिम्मेदारी लेते हुए अहमद पटेल ने गुजरात कांग्रेस (Gujarat congress) के सभी 44 विधायकों को बेंगलुरु में अपने रिसॉर्ट में भेज दिया। इसका असर ये हुआ कि एक भी विधायक पाला नहीं बदल सका। इस समय कांग्रेस पार्टी का पूरा फोकस हिमाचल की तरफ है और प्रदेश की कांग्रेस सरकार को कोई नुकसान (damage) न हो इसके लिए कांग्रेस नज़र बनाए हुए हैं।