हिमाचल के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक और क्रांति! आज होगी पहली रोबोटिक सर्जरी, CM सुक्खू करेंगे उद्घाटन, जानें इसके फायदे

प्रोस्टेट की सर्जरी से होगी शुरुआत
इस तकनीक का शुभारंभ महेंद्र पाल नामक मरीज की प्रोस्टेट ग्रंथि की सर्जरी के साथ किया जाएगा। इस पहली सर्जरी के लिए अस्पताल में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। डॉक्टरों के अनुसार, इस सर्जरी को करने में लगभग तीन से चार घंटे का समय लग सकता है।
क्या है रोबोटिक सर्जरी और यह कैसे काम करती है?
रोबोटिक सर्जरी, सर्जरी करने का एक बेहद एडवांस तरीका है। इसमें सर्जन खुद सीधे ऑपरेशन नहीं करता, बल्कि एक हाई-डेफिनिशन 3D स्क्रीन पर देखते हुए रोबोटिक आर्म्स को कंट्रोल करता है। मरीज के शरीर में बहुत छोटे-छोटे चीरे लगाकर रोबोटिक आर्म्स को अंदर डाला जाता है, जिनके सिरों पर छोटे सर्जिकल उपकरण लगे होते हैं। एक विशेषज्ञ सर्जन कंसोल (कंट्रोलर) पर बैठकर इन रोबोटिक आर्म्स को नियंत्रित करता है, जो उसके हाथों की हरकतों की सटीक नकल करते हैं।
मरीजों को क्या मिलेंगे फायदे?
यह तकनीक पारंपरिक सर्जरी की तुलना में मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है:
- अत्यधिक सटीकता: रोबोटिक हाथ इंसानी हाथ की तुलना में ज्यादा स्थिर होते हैं और 360 डिग्री तक घूम सकते हैं, जिससे बहुत ही सटीक ऑपरेशन संभव होता है।
- कम दर्द और छोटा चीरा: इसमें बड़े चीरे की जगह बहुत छोटे-छोटे कट लगाए जाते हैं, जिससे मरीज को दर्द कम होता है और निशान भी लगभग न के बराबर रहता है।
- जल्दी रिकवरी: छोटा चीरा और कम खून बहने के कारण मरीज बहुत जल्दी स्वस्थ हो जाता है और उसे अस्पताल में कम दिन रुकना पड़ता है।
- संक्रमण का खतरा कम: ऑपरेशन में इंसानी हाथ का सीधा संपर्क कम होने से संक्रमण का खतरा भी बहुत कम हो जाता है।
चमियाणा बनेगा सुपर स्पेशिलिटी हब
रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत के साथ ही चमियाणा अस्पताल में मरीजों की लंबी वेटिंग लिस्ट भी कम होगी। सरकार यहां स्वास्थ्य सुविधाओं को विश्व स्तरीय बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में, अस्पताल में 42 करोड़ रुपये के नए और अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं। इनमें यूरोलॉजी, रीनल ट्रांसप्लांट, कार्डियोलॉजी, न्यूरोसर्जरी और प्लास्टिक सर्जरी जैसे विभागों के लिए उपकरण शामिल हैं।