CM सुक्खू से लेकर स्वास्थ्य मंत्री को पांगी वासियों ने दी कड़ी चेतावनी, डॉ विशाल की नहीं रोकी ट्रांसफर तो होगी भूख हड़ताल
पांगी: पांगी घाटी जो अपनी भौगोलिक कठिनाइयों और सीमित स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जानी जाती है। वहीं एक बार फिर प्रदेश सरकार ने घाटी वासियों को संकट में डाल दिया हुआ है। जहां लोगों को अपनी छोटी से बीमारी का इलाज करवाने के लिए घाटी से बाहर का रूख करना पड़ता था। ऐसे में जब सर्जन डॉ विशाल शर्मा के पांगी आने वाले लोगों को बड़ी सहूलियत मिली हुई है।
ऐसे में अब प्रदेश सरकार की ओर से उनकी ट्रांसफर भरमौर सिविल अस्पताल कर दी गई है। सरकार के इस फैसले का लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया हुआ है। पंगवाल एकता मंच से लेकर अन्य संगठनों ने शुक्रवार को आवासीय आयुक्त के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन भेजा हुआ है। जिसमें उन्होंने सरकार को कड़ी चेतावनी दी हुई है कि यदि तीनों दिनो के भीतर सर्जन डॉक्टर विशाल की ट्रांसफर नहीं रुकवाई गई तो घाटी में भूख हड़ताल व विरोध किया जाएगा। जिसका खामियाजा प्रदेश सरकार का स्थानीय प्रशासन को भुगतना पड़ेगा।सिविल अस्पताल किलाड़ में तैनात सर्जन डॉक्टर विशाल शर्मा का हाल ही में भरमौर सिविल अस्पताल में ट्रांसफर किया गया है। इस ट्रांसफर के बाद घाटी के लोगों में गहरी नाराजगी और चिंता बढ़ गई है। डॉक्टर विशाल शर्मा पिछले काफी समय से घाटी के सिविल अस्पताल में सेवा दे रहे है। उनकी नियुक्ति के बाद से घाटी के निवासियों को बेहतर चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिलने लगा है। घाटी अपनी दुर्गम भौगोलिक स्थितियों और खराब सड़क संपर्क के कारण स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच में बहुत पिछड़ी हुई है। डॉक्टर विशाल शर्मा की उपस्थिति से चिकित्सा सेवाओं में थोड़ी स्थिरता आई है।
सर्जरी की सुविधाओं के अलावा डॉक्टर शर्मा ने क्षेत्र में कई चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया, जिसमें लोगों को मुफ्त जांच और इलाज का अवसर मिला। पांगी में एकमात्र अस्पताल है जहां सर्जन की सुविधा है। डॉक्टर विशाल शर्मा के ट्रांसफर के फैसले का विरोध अब जोर पकड़ रहा है। पांगी घाटी के विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने एकजुट होकर इस ट्रांसफर के खिलाफ आवाज उठाई है। घाटी के निवासियों ने इसे अन्यायपूर्ण और क्षेत्र की चिकित्सा जरूरतों के खिलाफ करार दिया है।
घाटी के स्थानीय संगठनों और नागरिकों ने प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजना शुरू कर दिया है। इन ज्ञापनों में डॉक्टर का ट्रांसफर रोकने की मांग की जा रही है। उनका कहना है कि अगर डॉक्टर का ट्रांसफर रद्द नहीं किया गया, तो घाटी में चिकित्सा सेवाओं की स्थिति और भी बदतर हो जाएगी। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए, संगठनों ने तीन दिनों का अल्टीमेटम दिया है, जिसके बाद यदि सरकार ट्रांसफर नहीं रोकती, तो किलाड़ में भूख हड़ताल शुरू की जाएगी।
पांगी घाटी के स्थानीय संगठन पंगवाल एकता मंच के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर ने हाल ही में सर्जन डॉक्टर विशाल शर्मा के ट्रांसफर के खिलाफ चेतावनी दी है। उनका कहना है कि यदि प्रदेश सरकार तीन दिनों के भीतर डॉक्टर शर्मा का ट्रांसफर नहीं रोकती है, तो घाटी के 19 पंचायतों के लोग एकजुट होकर किलाड़ मुख्यालय में विरोध रैली के साथ भूख हड़ताल शुरू करेंगे। त्रिलोक ठाकुर ने बताया कि पांगी घाटी के लोग पहले से ही स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हैं। ऐसे में यदि डॉक्टर शर्मा का ट्रांसफर किया गया, तो क्षेत्र के लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।