Himachal News || अनुबंध सेवा के कारण छूट गई पेंशन मिलेगी, शीला देवी केस में आया फैसला लागू करने की तैयारी
Himachal News || बुधवार को फायनांस सेक्रेटरी की अध्यक्षता में हुई कमेटी की बैठक में इस बारे में गाइडलाइन बनाने के निर्देश दिए गए
Himachal News || वर्तमान कांग्रेस सरकार ने जब पुरानी पेंशन लागू की तो भी 10 वर्ष की इस अवधि में छूट नहीं दे पाई। लेकिन संविदा नीति के कारण जो पेंशन नहीं मिली थी वह अब हाईकोर्ट के एक फैसले के कारण मिलने जा रही है। राज्य सरकार हिमाचल हाईकोर्ट में शीला देवी बनाम हिमाचल सरकार का केस हार गई थी। कोर्ट ने कहा था कि यदि संविदा कर्मचारियों को आगे निरंतर सेवाओं में नियमित किया गया है
Himachal News || हिमाचल सरकार (Himachal government) से सेवानिवृत्त हुए हजारों कर्मचारी, जिनकी पेंशन पात्रता लंबी अनुबंध अवधि (contract duration) के कारण संभव नहीं थी, उन्हें अब पेंशन (pension) मिलेगी। बुधवार को वित्त सचिव की अध्यक्षता में हुई समिति की बैठक में इस संबंध में दिशानिर्देश बनाने के निर्देश (order) दिये गये हैं. बैठक में कार्मिक विभाग के सचिव और वित्त के विशेष सचिव ने भाग लिया। हिमाचल (Himachal) में लागू की गई अनुबंध नीति शुरुआत में आठ साल के लिए थी। तब पांच साल हो गये थे. संविदा सेवा को पेंशन के लिए नहीं गिना जाता था, इसलिए कई सरकारी कर्मचारी (government employees) नियमित सेवा में 10 वर्ष पूरे नहीं कर पाते थे, जो पेंशन के लिए पात्रता (eligibility) अवधि है।
वर्तमान कांग्रेस सरकार ने जब पुरानी पेंशन लागू की तो भी 10 वर्ष की इस अवधि में छूट नहीं दे पाई। लेकिन संविदा नीति के कारण जो पेंशन नहीं मिली थी वह अब हाईकोर्ट के एक फैसले के कारण मिलने जा रही है। राज्य सरकार हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal high court) में शीला देवी बनाम हिमाचल सरकार का केस हार गई थी। कोर्ट ने कहा था कि यदि संविदा कर्मचारियों को आगे निरंतर सेवाओं में नियमित (regular) किया गया है तो संविदा अवधि को पेंशन लाभ (pension benefit) के लिए गिना जाएगा. राज्य सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है.सुप्रीम कोर्ट ने भी 7 अगस्त, 2023 को अपने अंतिम फैसले में कहा कि राज्य सरकार द्वारा पेंशन लाभ के लिए अनुबंध अवधि की गणना की जानी चाहिए और पात्र कर्मचारियों से आठ सप्ताह के भीतर पुरानी पेंशन का विकल्प लिया जाना चाहिए।
राज्य सरकार (state government) ने फैसले के कार्यान्वयन से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील (senior lawyer) पीएस पटवालिया से भी मदद मांगी, लेकिन पटवालिया ने 6 दिसंबर, 2023 को लिखे पत्र में कहा था कि मामले में समीक्षा याचिका का कोई महत्व नहीं रह गया है. इसके बाद 6 फरवरी, 2024 को मुख्य सचिव (chief secretary) प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में एक बड़ी बैठक हुई। इसमें आयुर्वेद विभाग को इस फैसले को कार्यान्वयन के लिए वित्त और कार्मिक विभाग को भेजने का निर्देश दिया गया।इसके बाद मुख्य सचिव (chief secretary) ने वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की, जिसमें कार्मिक विभाग के सचिव भी शामिल थे!
समिति की पहली बैठक बुधवार को हुई. इसमें केवल शीला देवी बनाम हिमाचल सरकार मामले के फैसले को लागू करने की प्रक्रिया पर चर्चा की गई. इस फैसले को लागू करने से पेंशन राशि तो नहीं बढ़ेगी, लेकिन पेंशन (pension) पाने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ जाएगी.जिन कर्मचारियों (employees) की सेवा अनुबंध अवधि 10 वर्ष है वे अब पेंशन के हकदार होंगे। इसके लिए वित्त और कार्मिक विभाग मिलकर गाइडलाइन (guidelines) तैयार कर रहे हैं। इसे राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाएगा.इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि वित्तीय लाभ (financial benefit) कैसे मिलेगा और कर्मचारी विकल्प के लिए कब आवेदन कर सकेंगे।