बड़ी उपलब्धि: हिमाचल के उत्कर्ष शर्मा ने दूसरे प्रयास में यूजीसी-नेट देशभर में हांसिल किया पहला स्थान

 
 बड़ी उपलब्धि: हिमाचल के  उत्कर्ष शर्मा ने दूसरे प्रयास में यूजीसी-नेट देशभर में हांसिल किया पहला स्थान  बड़ी उपलब्धि: हिमाचल के  उत्कर्ष शर्मा ने दूसरे प्रयास में यूजीसी-नेट देशभर में हांसिल किया पहला स्थान

बिलासपुर:  यूजीसी-नेट जेआरएफ संगीत परीक्षा में बिलासपुर के होनहार युवा उत्कर्ष शर्मा ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की हुई है। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में कुल 300 में से 240 अंक प्राप्त कर देशभर में पहला स्थान हांसिल किया हुआ है।  पाया है। इस गौरवपूर्ण सफलता से न केवल उनके परिवार में खुशी की लहर है, बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश में उत्सव का माहौल है। उत्कर्ष की इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि अगर संगीत में समर्पण हो, तो मंजिल दूर नहीं होती।

यूजीसी-नेट जेआरएफ संगीत परीक्षा में टॉप करने वाले उत्कर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय के संगीत विभाग में परास्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने हिंदू कॉलेज से स्नातक किया था, जहां कॉलेज में वे प्रथम और विश्वविद्यालय स्तर पर तृतीय स्थान पर रहे। उनका संगीत में गहन अध्ययन और लगातार प्रैक्टिस ही उनकी सफलता की वजह रही।

उत्कर्ष शर्मा ने राज्य स्तरीय संगीत प्रतियोगिता में लगातार पांच वर्षों तक प्रथम स्थान हासिल कर यह सिद्ध किया कि उनकी संगीत में पकड़ बेहद मजबूत है। वे हरि वल्लभ संगीत प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग (2016) और सीनियर वर्ग (2018) में भी उपविजेता रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने यूजीसी-नेट जेआरएफ संगीत से जुड़े पहलुओं को भी बारीकी से समझा और तैयारी की।

उत्कर्ष ने दिल्ली विश्वविद्यालय की वार्षिक संगीत प्रतियोगिताओं में शास्त्रीय गायन, सुगम संगीत और हारमोनियम जैसी विधाओं में शानदार प्रदर्शन किया। इसके अलावा वे दो साल तक ओपन यूथ फेस्टिवल में टॉप पर रहे। यह सब उनके यूजीसी-नेट जेआरएफ संगीत परीक्षा में अव्वल आने के सफर में सहायक रहा। उन्होंने बेंगलुरु, जयपुर, दिल्ली, कोलकाता, देहरादून, शिमला, सिलीगुड़ी और ग्वालियर में मंचीय प्रस्तुतियों से भी खूब सराहना बटोरी।

अपनी यूजीसी-नेट जेआरएफ संगीत परीक्षा में सफलता का श्रेय उत्कर्ष ने अपने पिता अनूप शर्मा (प्रसिद्ध संगीतज्ञ और पूर्व प्रधानाचार्य) और माता ऋचा शर्मा को दिया है। साथ ही उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों - डॉ. विनीत गोस्वामी, डॉ. राजपाल सिंह, डॉ. अलीश मोहन, प्रो. अनन्या कुमार डे और प्रो. उजेश प्रताप सिंह का भी आभार जताया। उनका यह भाव उनके संगीत के प्रति समर्पण और गुरुजनों के सम्मान को दर्शाता है।

Tags