OPS in Himachal: केंद्र का सुक्खू सरकार को बड़ा झटका! NPS का 11 हजार करोड़ लौटाने से किया इनकार

Old Pension Scheme (OPS) in Himachal: हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने वाली सुक्खू सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। केंद्र सरकार ने यह साफ कर दिया है कि कर्मचारियों के एनपीएस (NPS) में जमा ₹11,111 करोड़ को वापस लौटाने का मौजूदा कानून में कोई प्रावधान नहीं है। केंद्र के इस फैसले से राज्य सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ना तय है, क्योंकि अब उसे अपने संसाधनों से ही पेंशन का भुगतान करना होगा।

 
OPS in Himachal:

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OPS in Himachal: शिमला: हिमाचल प्रदेश में बड़े जोर-शोर से पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme - OPS) को बहाल करने वाली कांग्रेस की सुक्खू सरकार को केंद्र से एक बड़ा झटका दिया हुआ है। केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जिन राज्यों ने ओपीएस बहाल कर दी है।  उन्हें राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत जमा कर्मचारियों का पैसा वापस नहीं किया जाएगा। इस फैसले से अकेले हिमाचल प्रदेश के ही ₹11,111 करोड़ से ज्यादा केंद्र के पास फंस गए हैं।

संसद में केंद्र ने साफ की अपनी स्थिति

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) अधिनियम, 2013 और इससे जुड़े अन्य नियमों में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है, जिसके तहत NPS में जमा राशि को वापस राज्य सरकारों को लौटाया जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र के पास ओपीएस को फिर से बहाल करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

हिमाचल समेत 5 राज्यों के करोड़ों रुपये फंसे

यह समस्या सिर्फ हिमाचल की नहीं है। ओपीएस लागू कर चुके पांच राज्यों - राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, झारखंड और हिमाचल प्रदेश - ने केंद्र सरकार से अपने पेंशन फंड की वापसी की मांग की थी।

  • राजस्थान: ₹50,884 करोड़
  • पंजाब: ₹31,960 करोड़
  • छत्तीसगढ़: ₹22,499 करोड़
  • झारखंड: ₹14,368 करोड़
  • हिमाचल प्रदेश: ₹11,111 करोड़

इन सभी राज्यों को अब अपने कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए अपने बजट से ही व्यवस्था करनी होगी, जिससे उनकी वित्तीय हालत पर भारी दबाव पड़ना तय है।

क्यों है यह सुक्खू सरकार के लिए बड़ा झटका?
हिमाचल में कांग्रेस ने 2022 के विधानसभा चुनावों में OPS बहाली को अपना सबसे बड़ा चुनावी वादा बनाया था। सत्ता में आने के बाद Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu ने अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में इस वादे को पूरा भी कर दिया। सरकार को उम्मीद थी कि केंद्र से NPS का पैसा वापस मिल जाएगा, जिससे पेंशन का भुगतान आसानी से किया जा सकेगा। लेकिन अब केंद्र के इनकार के बाद, सरकार को अपने सीमित संसाधनों से ही हर महीने करोड़ों रुपये का पेंशन बिल चुकाना होगा।

विपक्ष हमलावर, सरकार प्रतिबद्ध
केंद्र के इस फैसले के बाद राज्य में विपक्ष को सरकार पर हमला करने का एक और मौका मिल गया है। विपक्षी दल लगातार सरकार की वित्तीय स्थिति पर सवाल उठा रहा है। हालांकि, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कई बार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि चाहे कितनी भी वित्तीय चुनौतियां आएं, उनकी सरकार कर्मचारियों से किया गया OPS का वादा हर हाल में पूरा करेगी और इसे किसी भी सूरत में बंद नहीं किया जाएगा।

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