Himachal News: हिमाचल में हिमकेयर कार्ड के नाम पर गैर-जरूरी ऑपरेशन कर रहे डॉक्टर, सुक्खू सरकार ने कसी नकेल

शिमला: हिमाचल प्रदेश में गरीबों और जरूरतमंदों को ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराने वाली हिमकेयर योजना (Himcare Scheme) में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। पता चला है कि कुछ निजी और सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर इस योजना की आड़ में न केवल मरीजों का गैर-जरूरी ऑपरेशन कर रहे हैं, बल्कि इलाज के नाम पर सरकार को लाखों रुपये का चूना भी लगा रहे हैं। इस मामले के सामने आने के बाद प्रदेश की सुक्खू सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है और ऐसे डॉक्टरों पर नकेल कसने की पूरी तैयारी कर ली है।
कैसे हो रहा है यह पूरा खेल?
हिमकेयर कार्ड (Himcare Scheme) के तहत पात्र परिवारों का ₹5 लाख तक का इलाज पूरी तरह से मुफ्त होता है, जिसका पूरा पैसा प्रदेश सरकार सीधे अस्पताल प्रबंधन को देती है। इसी का फायदा उठाकर कुछ लालची डॉक्टर और अस्पताल इस योजना को अपनी कमाई का जरिया बना रहे हैं। प्रदेश सरकार के ध्यान में आया है कि कुछ डॉक्टर मरीजों को ऐसे ऑपरेशन कराने की सलाह दे रहे हैं, जिनकी वास्तव में कोई जरूरत ही नहीं है, सिर्फ इसलिए ताकि वे सरकार से मोटा पैसा वसूल सकें।सबसे चौंकाने वाला मामला हर्निया के ऑपरेशन को लेकर सामने आया है। निजी अस्पतालों में जो हर्निया का ऑपरेशन आमतौर पर ₹25,000 में हो जाता है, उसके लिए हिमकेयर कार्ड (Himcare Card) पर ₹1 लाख तक के बिल बनाए जा रहे हैं। यह फर्जीवाड़ा न केवल सरकारी खजाने पर डाका डाल रहा है, बल्कि मरीजों की सेहत के साथ भी एक बड़ा खिलवाड़ कर रहा है।
एक्शन मोड में सुक्खू सरकार, बनेगी डॉक्टरों की लिस्ट
इस बड़े फर्जीवाड़े को रोकने के लिए हिमाचल सरकार अब पूरी तरह से एक्शन में आ गई है। सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए Deputy CM Mukesh Agnihotri की अध्यक्षता में एक कैबिनेट सब-कमेटी का गठन किया है, जो इस योजना में हो रही धांधलियों की जांच कर रही है। सरकार अब हर अस्पताल में हिमकेयर कार्ड पर हो रहे ऑपरेशनों और उन पर आ रहे खर्च का पूरा डेटा तैयार कर रही है। एक लिस्ट बनाई जा रही है जिसमें उन डॉक्टरों के नाम शामिल किए जाएंगे जो जरूरत से ज्यादा ऑपरेशन कर रहे हैं या जिनके द्वारा किए गए इलाज का खर्च असामान्य रूप से अधिक है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जो भी डॉक्टर या अस्पताल इस फर्जीवाड़े में शामिल पाए जाते है तो उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह पहली बार नहीं है जब हिमकेयर योजना में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। इससे पहले भी खासकर निजी अस्पतालों में बिना सही वेरिफिकेशन के सीधे हिमकेयर कार्ड बनाकर फर्जी बिल देने के मामले सामने आ चुके हैं। प्रदेश में 15 से 20 ऐसे निजी अस्पतालों की पहचान की गई थी जिन्होंने इस योजना का दुरुपयोग किया था। सरकार का यह कड़ा कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि Himcare Scheme का लाभ असली जरूरतमंदों तक पहुंचे और सरकारी पैसे का दुरुपयोग रोका जा सके।