Himachal News: हिमाचल में जमीन की निशानदेही पर सरकार ने लगाई रोक, जानिए क्यों लिया सरकार ने यह फैसला


Himachal News: शिमला: हिमाचल प्रदेश में जमीन की Demarcation यानी निशानदेही का काम पर प्रदेश सरकार की ओर से रोक लगा दी गई है। यह रोक कब तक लगाई गई है फिलहाल इसका कोई अधिकारिता सूचना जारी नहीं हुई है। बरसात के मौसम में खेतों और जमीनों पर घास और झाड़ियां इतनी बढ़ गई हैं कि निशानदेही का काम सही ढंग से नहीं हो पा रहा। सरकारी जमीन पर Demarcation की प्रक्रिया को लेकर सरकार ने स्पष्ट किया है कि जब तक मौसम साफ नहीं होता, तब तक इस प्रक्रिया पर रोक रहेगी। बारिश में जमीन की स्थिति काफी बदल जाती है। खेतों में पानी भर जाता है, और जमीन के असली बाउंड्री नजर नहीं आते। ऐसे में अगर कोई डिमार्केशन की प्रक्रिया पूरी होती भी है, तो बाद में विवाद की आशंका बनी रहती है। जमीन के डाक्यूमेंट्स में स्पष्टता बनी रहे, इसके लिए सरकार ने फैसला लिया है कि फिलहाल निशानदेही रोक दी जाएगी।
हिमाचल में जमीन के बंटवारे या प्लॉट की Demarcation के लिए जो लोग आवेदन कर चुके हैं, उनके लिए सरकार ने एक व्यवस्था बनाई है। पटवारी और कानूनगो की ड्यूटी अब सिर्फ सर्किल ऑफिस में रहेगी, जहां वे संबंधित लोगों को कागजात उपलब्ध कराएंगे। हालांकि, फील्ड में जाकर निशानदेही का काम मौसम खुलने तक रुका रहेगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हिमाचल में हर महीने जमीन की 300 से अधिक डिमार्केशन होती हैं। यह प्रक्रिया खेतों के बंटवारे, संपत्ति विवाद और भवन निर्माण के लिए बेहद जरूरी मानी जाती है। लेकिन जब जमीन पर घास-झाड़ियां फैली हों, तो सटीक निशानदेही कर पाना मुश्किल हो जाता है।
घास की सफाई के बाद हो सकती है डिमार्केशन की अनुमति
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी जमीन मालिक ने अपने प्लॉट की झाड़ियां और घास की सफाई खुद कर ली हो, तो उस स्थिति में जमीन की Demarcation प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है। इसके लिए संबंधित पटवारी से संपर्क कर नई तिथि निर्धारित करवाई जा सकती है।
भवन निर्माण पर भी लगी है अस्थायी रोक
हिमाचल में हो रही मूसलाधार बारिश सिर्फ जमीन की डिमार्केशन पर असर नहीं डाल रही, बल्कि भवन निर्माण कार्य भी प्रभावित हुए हैं। TCP और स्थानीय निकाय विभाग ने फिलहाल नए भवनों के निर्माण पर रोक लगा दी है। मिट्टी की खुदाई से पास के मकानों को खतरा है। कई जगह मकानों के डंगे गिर रहे हैं, तो कहीं जमीन धंसने की घटनाएं सामने आ रही हैं।