हिमाचल के इन कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, हाईकोर्ट ने जारी किए बड़े आदेश

Last Updated:
न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

​शिमला:  हिमाचल प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों (fourth class employees) को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत भरी खबर दी हुई है। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए प्रदेश के तमाम चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों (fourth class employees)  को 60 साल की आयु पूरा होने पर ही रिटायर्ड करने के आदेश जारी किए हुए। यानी अब हिमाचल प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (fourth class employees)  60 साल के बाद ही रिटायर्ड होगा। हाई कोर्ट ने अपने इस फैसले में बताया कि क्लास 4 कर्मचारियों के साथ भेदभाव गैरकानूनी है वहीं आदेश जारी करते हुए कहा कि जो कर्मचारी 10 में 2001 के बाद सरकारी सेवाओं में लगे हैं उन्हें भी अब 60 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद ही रिटायर्ड किया जाएगा। इसके अलावा आपकी जानकारी के लिए बता दें की फोर्थ क्लास कर्मचारियों (fourth class employees)  को 60 वर्ष की आयु से पहले रिटायर्ड कर दिया गया है उन्हें भी वापस नौकरी पर बुलाया जाएगा वहीं जब तक उन कर्मचारियों की 60 साल पूरी नहीं होती है उन्हें रिटायर्ड नहीं किया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने भी उन कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है, जिन्हें 60 वर्ष की आयु पूरी होने के कारण वापस नहीं रखा गया था। कोर्ट ने ऐसे सेवानिवृत कर्मचारियों को मुआवजे के तौर पर पेंशन काटने और दो वर्ष की तनख्वाह देने का भी आदेश दिया। 21 फरवरी 2018 को कोर्ट ने राज्य सरकार की उस अधिसूचना को भी रद्द कर दिया, जिसमें कहा गया था कि 10 मई 2001 के बाद नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी(fourth class employees)   58 वर्ष की आयु पूरी करने पर सेवानिवृत्त होंगे।

कई याचिकाओं ने इस अधिसूचना को हाईकोर्ट में चुनौती दी। अदालत में 112 याचिकाएं एक साथ निपटाई गईं। सरकार को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अंतरिम आदेश के तहत 58 वर्ष के बाद भी 60 वर्ष की आयु तक काम करेंगे।

जिन कर्मचारियों को अंतरिम आदेश नहीं मिले हैं, वे 60 वर्ष की आयु तक काम करेंगे। न्यायालय ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने 60 वर्ष की आयु पूर्ण की है। उन्हें 58 वर्ष की उम्र के बाद दो वर्ष के आर्थिक लाभ मिलेंगे। साथ ही अदालत ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी एक समान वर्ग हैं, इसलिए उनकी रिटायरमेंट की आयु में कोई भेदभाव नहीं हो सकता।