Sach Pass Road Status News || साच पास दर्रे को बहाल करने का कार्य युद्धस्तर पर, बैरागढ़ से कालाबन पहुंची विभाग की मशीनरी,
Sach Pass Road Status News || पांगी: उपमंडल पांगी घाटी के समुद्र तल से करीब 14 हजार की फीट की ऊंचाई पर स्थित साच पास दर्रे को यातायात के लिए बहाल करने का कार्य लोक निर्माण विभाग मंडल पांगी की ओर से युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। बुधवार को बैरागढ़ से 13 किलोमीटर कालाबन तक बर्फ हटा दी गई है। विभागीय कर्मचारियों की टीमें और मशीनरी मार्ग को यातायात के लिए बहाल करने के लिए जुटी हुई हैं। जून 15 तक खुलने की संभावना जताई गई है। इस बार अत्यधिक बर्फबारी के कारण अभी मार्ग को बहाल करने में विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। विभाग की ओर से 15 जून तक साच दर्रा बहाल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
13 किलोमीटर कालाबन तक मार्ग यातायात के लिए बहाल
वहीं बीते दिनों भारी बारिश के कारण विभागिये कर्मचारियों को कार्य करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बैरागढ़ से लोक निर्माण विभाग ने बुलडोजर और एलएनटी मशीनों के जरिये 13 किलोमीटर कालाबन तक मार्ग यातायात के लिए बहाल करवा दिया है। किलाड़ से साच पास दर्रे की ओर 15 किलोमीटर मरथालू नाले तक मार्ग को बहाल करवा दिया गया है। विभाग की ओर पांगी की ओर से दो डोजर और एक एलएनटी मशीन समेत जेई व सहायक अभियंता वह 30 कर्मी मार्ग बहाली के कार्य में जुटे हुए हैंं।
छह माह के लिए चंबा-पांगी वाया साच-पास मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए बंद
गौरतलब है कि कि हर वर्ष सर्दियों में भारी हिमपात के कारण छह माह के लिए चंबा-पांगी वाया साच-पास मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो जाता है। चंबा से वाया साच पास किलाड़ की करीब 175 किलोमीटर दूरी है। इसके तहत चुराह के बैरागढ़-साच-पास-किलाड़ मार्ग से 60 किलोमीटर तक बर्फ हटाई जाती है। शेष मार्ग पर किलाड़ की ओर से बर्फ हटाई जाएगी। वाया साचपास पागी मुख्यालय किलाड़ की दूरी करीब 172 किलोमीटर है जबकि वाया मनाली यही दूरी करीब 650 किलोमीटर और वाया जम्मू करीब सात सौ किलोमीटर है।
15 जून तक साच दर्रा बहाल करने का लक्ष्य : सहायक अभियंता रवि शर्मा
मार्ग बहाल होने पर पांगी घाटी के लोगों को वाया साचपास होते हुए जिला मुख्यालय चंबा पहुंचने की सुविधा मिलती है। लोक निर्माण विभाग पांगी मंडल के सहायक अभियंता रवि शर्मा ने बताया कि मौसम साफ रहने पर 15 जून तक साच दर्रा बहाल करने का लक्ष्य है। लेकिन बार-बार हो रही बारिश के कारण विभाग की टीम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।