Chamba News: विधानसभा में गूंजा किहार का दर्द, डॉक्टरों की कमी पर प्रधान बैठे भूख हड़ताल पर, एक हफ्ते में भेजेंगे डॉक्टर
Kihar Doctor Shortage: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज चंबा जिले के दूर-दराज क्षेत्र किहार में डॉक्टरों की भारी कमी का मुद्दा जोर-शोर से गूंजा। डलहौजी के विधायक डीएस ठाकुर ने सरकार को घेरते हुए बताया कि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में स्थानीय प्रधान को भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा है
Thu, 21 Aug 2025

Image caption: Kihar Doctor Shortage
शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान आज सदन में चंबा जिले सलूणी उपमंडल के दायरे में आने वाले किहार क्षेत्र में चरमराई स्वास्थ्य सेवाओं का मुद्दा गरमाया रहा। डलहौजी से भारतीय जनता पार्टी के विधायक डीएस ठाकुर ने सरकार का ध्यान इस गंभीर समस्या की ओर खींचते हुए बताया कि किहार में डॉक्टरों की भारी कमी के चलते हालात इतने बिगड़ गए हैं कि एक स्थानीय प्रधान को मजबूरन भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा है। विधायक डीएस ठाकुर ने सदन में मामला उठाते हुए कहा कि किहार एक बहुत ही दूर-दराज का और पिछड़ा हुआ क्षेत्र है। वहां के स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों के पद लंबे समय से खाली पड़े हैं, जिससे स्थानीय लोगों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां के प्रधान भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि किहार में कम से कम चार चिकित्सकों की तत्काल तैनाती की जाए ताकि लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि सिर्फ किहार ही नहीं, बल्कि सलूणी समेत कई अन्य क्षेत्रों में भी डॉक्टरों की बड़ी कमी है।
मंत्री ने मानी समस्या, दिया एक हफ्ते का अल्टीमेटम
विपक्ष के इन तीखे सवालों का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल (Health Minister Dhaniram Shandil) ने इस बात को स्वीकार किया कि किहार और सलूणी क्षेत्रों में यह समस्या उनके ध्यान में है। उन्होंने कहा कि यह सच है कि डॉक्टर इन दूर-दराज के इलाकों में जाने के लिए तैयार नहीं होते हैं, जिस वजह से वहां पद खाली रह जाते हैं। मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि सरकार इस समस्या को लेकर गंभीर है। मैं सदन को यह विश्वास दिलाता हूं कि एक हफ्ते के अंदर किहार में डॉक्टर भेज दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री के इस आश्वासन के बाद अब किहार के लोगों को उम्मीद बंधी है कि जल्द ही उनकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान होगा और भूख हड़ताल पर बैठे प्रधान भी अपना अनशन समाप्त करेंगे।