8th Pay Commission || कब गठित होगा 8वां वेतन आयोग? कितनी बढ़ेगी कर्मचारियों की सैलरी? जानिए सबकुछ
नई दिल्ली: 8th Pay Commission || लोकसभा चुनाव के बाद देश के करीब एक करोड़ कर्मचारी जो केंद्र सरकार के अधीन आते हैं वह सरकार से अब 8वें वेतन आयोग की मांग उठा रहे हैं और यह मांग लोकसभा चुनावो के बाद लगातार तेजी से बढ़ रही है। मौजूदा समय में कर्मचारी संगठन चाहते हैं कि सरकार उनके वेतन भत्ते और पेंशन कि जल्द समीक्षा करने के बाद जल्द आठवी वेतन आयोग का गठन करें अब नेशनल काउंसलिंग के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने सरकार को एक पत्र लिखा हुआ है और इस मांग को केंद्र सरकार के समक्ष दोबारा से दोहराया हुआ है।
वेतन आयोग का गठन हर 10 साल बाद होता है इसीलिए उम्मीद की जा रही है कि साल 2026 में आठवीं वेतन आयोग का गठन जरूर केंद्र सरकार करेगी आठवें वेतन आयोग में कर्मचारियों को बेसिक सैलरी में 25 से 35 फ़ीसदी का इजाफा होने का भरपूर अनुमान जताया जा रहा है। अगर ऐसा होता है तो न्यूनतम बेसिक सैलरी 25000 से 26000 से शुरू महीने के आसपास हो जाएगी। वही आपको बता दें की फिटमेंट फैक्टर को भी दो पॉइंट 57 से बढ़कर 3.68 किया जाने की भी उम्मीद जताई जा रही है। वेतन आयोग केंद्र सरकार की ओर से नियुक्ति एक निकाय है यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन ढांचे भत्ते और लाभो को लागू की समीक्षा कर उनमें बदलाव की सिफारिश करता है।
यह बाहरी कारकों, जैसे मुद्रास्फीति, को देखते हुए आवश्यक समायोजन का प्रस्ताव करता है। यह आयोग हर दशक में एक बैठक करता है। 28 फरवरी 2014 को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 7वें वेतन आयोग की घोषणा की। 19 नवंबर, 2015 को आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी, और 1 जनवरी, 2016 से इसकी सिफारिशों को लागू किया गया।
8वां वेतन आयोग कब शुरू होगा?
हमारे देश में वेतन आयोग हर दस साल में बनाया जाता है। 1 जनवरी, 2026 तक आठवां वेतन आयोग शुरू होगा। केंद्र अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। मोदी सरकार की तीसरी बार सत्ता में आने से एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों में आठवें वेतन आयोग की आशा बढ़ी है।
कर्मचारियों ने नया प्रस्ताव प्रस्तुत किया
जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी फॉर सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉईज के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कैबिनेट सचिव को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए तत्काल एक नए वेतन आयोग की घोषणा की मांग की है। उनका दावा था कि 2015 से सरकारी राजस्व दोगुना हो गया है। टैक्स कलेक्शन भी बढ़ा है। लेकिन महंगाई के कारण केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
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