Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: बारिश से फसल हो गई बर्बाद? कैसे और कितना मिलेगा मुआवजा, सरकार की इस योजना से वसूल होगा पूरा पैसा

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: यूपी, उत्तराखंड सहित कई राज्यों ने किसानों से अपील की है कि 31 जुलाई से पहले अपनी खरीफ फसलों को पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत पंजीकृत कर लें, क्योंकि पीएम फसल बीमा योजना की 20वीं कक्षा का इंतजार है।
 
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana:

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: क्या बारिश ने आपकी फसल को भी बहुत नुकसान पहुँचाया है? देश भर में बारिश ने हाहाकार मचा दिया है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से बर्बादी के फोटो लगातार सामने आ रहे हैं। देश के अन्नदाता भी आसमान की बर्बादी से बच नहीं पा रहे हैं। लेकिन प्रधानमंत्री किसान फसल बीमा योजना के तहत अपने नुकसान को बहुत कम कर सकते हैं। अगर आप अपनी फसल का बीमा अभी तक नहीं कराया है, तो आपके पास 15 दिन बचे हैं।

यूपी, उत्तराखंड सहित कई राज्यों ने किसानों से अपील की है कि 31 जुलाई से पहले अपनी खरीफ फसलों को पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत पंजीकृत कर लें, क्योंकि पीएम फसल बीमा योजना की 20वीं कक्षा का इंतजार है। धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, उड़द, मूंगफली, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन और तिल की फसलों का बीमा करने का अंतिम तिथि 31 जुलाई है। किसान दूसरी योजनाओं की तरह फसल बीमा योजना के तहत महज 2 फीसदी तक प्रीमियम देकर बीमा कर सकते हैं। सरकार बाकी सब्सिडी प्रीमियम भरेगी।

फसल बीमा का भुगतान कैसे किया जाएगा?

यदि आप अनिश्चित हैं कि फसल बीमा करने के बाद मुआवजा कैसे मिलेगा, तो हम आपको बता देंगे। हम एक पूर्वनिर्धारित बेनेफिट वाली अन्य इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हैं। पीएम फसल बीमा योजना भी इसी तरह काम करती है। जब आप बीमा पॉलिसी लेंगे तो आप अपने खेत के अनुसार अधिकतम रकम निर्धारित करेंगे। इसके बाद, अगर फसल को नुकसान होता है, तो बीमा कंपनी नुकसान की मात्रा निर्धारित करती है। फिर इसकी गणना एक फॉर्मूले से की जाती है। यह उदाहरण है..।
थ्रेसहोल्ड फसल: असली फसल

फसल बीमा कार्यक्रम का फॉर्मूला क्या है?

थ्रेसहोल्ड पिछले पांच वर्षों के औसत से है, जब फसल सबसे अच्छी रही है। मान लीजिए किसान ने 7 वर्षों में 1000, 2000, 2500, 800, 700, 3000 और 2700 किलोग्राम फसल उत्पादन की। 800 और 700, यानी सबसे कम दो साल, को हटाकर बाकी पांचों को जोड़कर औसत निकाला जाएगा। जैसे यहां औसत 11,200/5, या 2240 किलो प्रति होगा।

वास्तविक फसल का अर्थ है बीमाकृत फसल। तीन हजार किलो प्रति हेक्टेयर मान लीजिए। बीमित राशि का अर्थ है बीमा पॉलिसी में दर्ज अधिकतम रकम। उदाहरण के तौर पर, हम यहां प्रति हेक्टेयर 20,000 मानते हैं। फसल बीमा योजना के तहत कितना भुगतान किया जाएगा? अब उसका कैलकुलेशन कुछ ऐसा होगा अगर नुकसान पर मिलने वाले मुआवजे की बात करें। आपको फसल बीमे के रूप में 6785 रुपये मिल जाएंगे, यानी 2240-3000 x 20000 2240।

कितने दिनों में आवेदन करना चाहिए?

यदि आपकी फसल को कोई नुकसान होता है, तो आपको तुरंत नजदीकी फसल बीमा केंद्र, कृषि विभाग या फसल बीमा हेल्पलाइन नंबर पर सूचना देनी चाहिए। 48 से 72 घंटे के भीतर इसकी सूचना देनी चाहिए। आप कृषि बीमा हेल्पलाइन 14447 पर संपर्क कर सकते हैं।

फसल बीमा की राशि कितने दिन में मिलती है?

किसानों को फसल बीमा का भुगतान कितने दिन में मिलेगा, यह कई कारकों पर निर्भर करता है। जैसे कितनी फसल है, कब सर्वे हुआ है या किस प्रकार की फसल है। मुआवजे का पैसा आम तौर पर दो महीने के भीतर मिलता है। अक्सर 10 दिनों में पैसा मिल जाता है।

क्या है फसल बीमा योजना

प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को भरपाने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की। किसान बागवानी और रबी फसल का बीमा इस योजना के तहत बहुत कम प्रीमियम देकर कर सकते हैं। किसानों को प्रीमियम केवल २% तक देना होगा, बाकी धन केंद्र और राज्य सरकारों से दिया जाएगा। इस योजना से किसानों को मौसम की मार, कीटों और बीमारियों के प्रकोप, सूखा, बाढ़, तूफान, ओलावृष्टि और असफल बुवाई का मुआवजा मिलता है। किसान कृषि बीमा बैंक, साझा सेवा केंद्र या ऑनलाइन पोर्टल पर खुद भी पंजीकृत कर सकते हैं।

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