PM Kisan Yojana : खुशखबरी दिन निकलते ही किसानों की आई मौज, 6000 के स्थान पर 10000 रुपए देने की तैयारी! जश्न का माहौल
PM Kisan Yojana : यदि आप भी प्रधानमंत्री किसान निधि (Prime Minister Kisan Nidhi) के लाभार्थी हैं तो आपके चेहरे पर खुशी जरूर आ जाएगी जब आप इस खबर को पढ़ेंगे। पीएम किसान निधि (PM Kisan Yojana) का बजट बढ़ाने की खबरें फिर से आने लगी हैं। इस बार सूत्रों का दावा है कि सरकार किसानों को 6000 रुपये के स्थान पर 10,000 रुपये देने की तैयारी कर रही है। इस तरह की खबर पहले जुलाई में आम बजट के दौरान बाजार में आई थी। लेकिन 23 जुलाई को वित्त वर्ष 2024–25 का पूर्ण बजट पेश किया गया तो लोग निराश हो गए। किसानों की आय एक बार फिर बढ़ी है। आधिकारिक तौर पर अभी कोई ऐसी घोषणा नहीं हुई है
8000 रुपए करने की उठी थी मांग
बजट से पहले कई कृषि विद्वानों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) से मुलाकात की थी। उस समय किसानों की निधि बढ़ाना चर्चा का विषय था। जिसमें कहा गया था कि पीएम किसान निधि (PM Kisan Nidhi) के तहत किसानों को मिलने वाली राशि 6000 रुपये से 8000 रुपये होनी चाहिए। बजट में ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई थी। लेकिन अब 18वीं किस्त आने वाली है। यही कारण है कि निधि बढ़ाने की खबरें आने लगी हैं। धनराशि ( money) में इस बार चार हजार रुपए की वृद्धि की खबरें हैं। आपको बता दें कि PM Kisan Yojana के तहत देश के छोटे और सीमांत किसानों को वर्तमान में सालाना 6000 रुपये मिल रहे हैं।
दीवाली से पहले आएगी 18वीं किस्त
आपको बता दें कि सरकार ने 18वीं किस्त (18th installment) के लिए लाभार्थियों की सूची बनाना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि किसानों को दीवाली से पहले ही किस्त के दो हजार रुपए मिलेंगे। अब सवाल उठता है कि यदि 10 हजार रुपये की सालाना संपत्ति होती है तो कितने पैसे किसानों के खाते में जाएंगे? क्योंकि निधि के तहत किसानों को चार महीने में भुगतान दिया जाता है। जिसमें दो हजार रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं..। सरकार अभी तक ऐसी घोषणा नहीं की है
ये तीन काम कराना जरूरी
किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (Prime Minister Kisan Samman Nidhi) का लाभ लेने के लिए उनके बैंक खाते को ईकेवाईसी, भूलेख सत्यापन और आधार से जोड़ना अनिवार्य है। यदि किसान ऐसा नहीं करता, तो उसे किसान निधि का लाभ नहीं मिलेगा। पीएम किसान सम्मान निधि पहले भी लगभग ढाई करोड़ किसानों को नहीं मिली थी।