Chanakya Niti : नीति और बुद्धिमानी के लिए आचार्य चाणक्य सबसे लोकप्रिय है! और आचार्य चाणक्य को भारत के सबसे बुद्धिमान लोगों में गिना जाता है! क्योंकि आचार्य चाणक्य ने मानव जीवन को इतना गहराई से दिखाया और समझाया है! ऐसा है कि शायद ही कोई कर सकता है लेकिन आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में ऐसी कई बातों का उत्तर व्यक्ति को आसानी से मिल जाता है ! अगर व्यक्ति खुद के प्रयास से उत्तर खोजना चाहता है तो शायद उसका जीवन कम पड़ सकता है ! लेकिन आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में मनुष्य को क्या करना चाहिए और क्या नहीं !
इन सभी बातों का बहुत साफ-साफ विवरण किया गया है ! जिसके कारण से कई मनुष्यों को अपना जीवन सही प्रकार से जीने का तरीका पता चलता है ! तो चलिए जानते हैं कि आचार्य चाणक्य ने कैसे मनुष्य को खुद पर कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए ! इस बारे में क्या लिखा गया है आईए जानते हैं विस्तार से….
विनम्र व्यक्ति
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हमेशा विनम्र रहने वाले व्यक्ति को भी यह कभी नहीं समझना चाहिए ! कि उसके समान कोई विनम्र व्यक्ति नहीं है ! क्योंकि इस संसार में बहुत से ऐसे लोग रहते हैं जिनकी विनम्रता किसी व्यक्ति के कल्पना से भी अधिक होती है !
शास्त्र का ज्ञान रखने वाला
चाणक्य नीति के अनुसार शास्त्र का ज्ञान रखने वाले लोगों को यह कभी नहीं सोचना चाहिए ! कि उसके पास जितना ज्ञान है वह किसी के पास नहीं है ! क्योंकि उसे एहसास भी नहीं होगा कि उससे ज्यादा ज्ञान रखने वाले कितने लोग इस संसार में वर्तमान में मौजूद हैं !
chanakyaniti – परोपकारी
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यह दुनिया बहुत बड़ी है जिसमें कई प्रकार के रत्न छुपे हुए हैं ! इसलिए खुद को जिन रत्ना को हम देख पा रहे हैं उनमें सर्वश्रेष्ठ समझना सबसे बड़ी मूर्खता होती है ! इसलिए किसी भी परोपकारी व्यक्ति को यह नहीं समझना चाहिए ! कि वह सबसे बड़ा परोपकारी है क्योंकि उससे भी अधिक परोपकार करने वाला व्यक्ति इस संसार में कहीं ना कहीं जरूर मौजूद होता है !
