Agnipath Scheme: अग्निवीरों के लिए केंद्र सरकार लाई बड़ी खु्शखबरी, सैलरी में होगी जबरदस्त बढ़ोतरी
Agnipath Scheme: 2022 में केंद्र सरकार ने रक्षा विभाग के पेंशन बिल को कम करने की कोशिश में इस योजना को लागू किया। इस योजना के अनुसार, सेना, नौसेना और वायुसेना में चार वर्ष के अनुबंध पर अग्निवीरों को भर्ती किया जाएगा। स्थायी कमीशन के तहत सालाना भर्तियों में से केवल 25 प्रतिशत को आगे सेवा करने की अनुमति है।
Agnipath Scheme: केंद्र सरकार ने अग्निवीरों को अब तक की सबसे बड़ी राहत भरी खुशखबरी दी हुई है। सरकार जल्द ही अग्निवीरों के वेतन में बढ़ोतरी करने जा रही है। यही नहीं, जल्द ही इस योजना में कुछ और भी बदलाव हो सकते हैं। अग्निवीरों की स्थायी भर्ती को बढ़ाने की लंबे समय से मांग की जा रही है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सरकार इस बारे में जल्द ही एक महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है। केंद्रीय सरकार ने अग्निपथ भर्ती योजना (Agnipath Scheme) को संशोधित करने की योजना बनाई है।
‘इंडिया टुडे’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों (Senior Defense Ministry officials) ने कहा कि अग्निवीरों के सेना में स्थाई रूप से शामिल करने के प्रतिशत को बढ़ाने पर विचार-विमर्श चल रहा है. जिससे उनमें से अधिक संख्या में लोग अपने शुरुआती चार साल के कार्यकाल से आगे सेना की पूर्णकालिक सेवा में बने रह सकें. मौजूदा समय में केवल 25 फीसदी अग्निवीरों को ही उनकी शुरुआती सेवा के समय के बाद सेना में रखा जाता है. इस संख्या को मिलिट्री एक्सपर्ट्स नाकाफी मानते रहे हैं.
सेना में अग्निवीरों की संख्या बढ़ेगी
रक्षा विभाग के एक वरिष्ठ सूत्र ने कहा कि अग्निवीरों की एक चौथाई संख्या को स्थाई तौर पर नियुक्त करना बहुत कम है. यह जमीन पर जरूरी लड़ाकू बल को बनाए रखने के लिए है। सूत्र ने कहा कि सेना ने चार साल के अंत में अग्निवीरों की संख्या में लगभग 50% की वृद्धि की सिफारिश की है। सेना ने अंदरूनी फीडबैक और कई यूनिटों में सर्वेक्षण के बाद सरकार को इन संभावित बदलावों के बारे में पहले ही सुझाव दिए हैं। रक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इस बदलाव को पूरा करने में समय लग सकता है, लेकिन अग्निपथ योजना को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक बदलाव किए जाएंगे।
अग्निपथ (Agnipath Scheme) योजना क्या है?
2022 में, केंद्र सरकार ने रक्षा विभाग के पेंशन बिल को कम करने की कोशिश में इस योजना को लागू किया। इस योजना के अनुसार, सेना, नौसेना और वायुसेना में चार वर्ष के अनुबंध पर अग्निवीरों को भर्ती किया जाएगा। स्थायी कमीशन के तहत सालाना भर्तियों में से केवल 25 प्रतिशत को आगे सेवा करने की अनुमति है। अग्निपथ योजना, हालांकि, देश भर में विरोध का सामना करना पड़ा। जिसमें सैन्य उम्मीदवारों ने कहा कि चार साल के बाद सेवा से बाहर निकलने वालों का भविष्य अनिश्चित होगा। एनडीए के सहयोगी दलों ने इस योजना की समीक्षा की मांग की है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने इसे वापस लेने की मांग की है। साथ ही, बीजेपी की आंतरिक सूचनाओं के अनुसार, पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनावों में उन सीटों पर शिकस्त झेली है, जहां रक्षा कर्मचारियों की संख्या सबसे अधिक है।