Best Business Idea :भाई से उधार लिए 5000, खोली छोटी-सी फैक्ट्री, बार-बार नाकाम होकर बनाया ऐसा प्रोडक्ट, अब 14000 करोड़ की कंपनी
Best Business Idea : भाई से उधार लिए 5000, खोली छोटी-सी फैक्ट्री, बार-बार नाकाम होकर बनाया ऐसा प्रोडक्ट, अब 14000 करोड़ की कंपनी
Ujala Success Story : ‘आया नया उजाला चार बूंदों वाला’..90 के दशक में एडवरटाइज की ये लाइन आपने जरूर सुनी होंगी. कपड़ों की सुपर सफेदी के लिए उजाला नील का इस्तेमाल लोग कई वर्षों से करते आ रहे हैं.
Best Business Idea : हम जब भी सफलता (success ) की बात करते हैं तो हर सफलता की कहानी के पीछे कोई ना कोई संघर्ष (struggle ) की कहानी जरूर देखने सुनने को मिल जाती है। जैसा कि लियो टॉल्स्टॉय ने कहा था, "यदि आप किसी काम में पूर्णता देखते हैं, तो आप कभी संतुष्ट नहीं हो सकते।" "जब कोई व्यक्ति किसी काम को करते हुए संतुष्ट महसूस करता है, तो उस काम में और सुधार की कोई संभावना नहीं रहती है। आज की यह प्रेरणादायक कहानी (motivational story) भी कुछ ऐसी ही है। आज हम बात कर रहे हैं ऐसे नाम की जो आज के समय में 23 और दुनिया में पॉपुलर हो चुका है। हम बात कर रहे हैं ज्योति लैब्स के संस्थापक एमपी रामचंद्रन की। इस सफल व्यक्तित्व की बात करें तो वह पेशे से अकाउंटेंट रहे हैं, रामचंद्रन हमेशा अपने कपड़े (clothes ) खुद धोते थे, लेकिन वे कपड़े धोने के फैब्रिक व्हाइटनर से संतुष्ट नहीं थे। उन्हें लगता था कि कपड़ों में अधिक चमक की जरूरत है जो होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने काफी रिसर्च के बाद उन्होंने इसका हल निकाला और अपनी कंपनी ज्योति लैब्स का पहला प्रोडक्ट (product ) बनाया।
इस सफल व्यवसायी (successful business) की बात करें तो ,ज्योति लैब्स के संस्थापक एमपी रामचंद्रन का जन्म केरल के त्रिशूर में हुआ था। रामचन्द्रन ने सेंट थॉमस कॉलेज, त्रिशूर से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। अपनी आगे की पढ़ाई के लिए वह मुंबई चले गए और वहां से स्नातकोत्तर किया। अपनी पढ़ाई करने के बाद वह एक बेहतर कैरियर (carrier) की तलाश में थे। उन्होंने 1971 में एक एकाउंटेंट के रूप में नौकरी की। उनका व्यवसाय कामयाब रहा और आज वह एक बड़े ब्रांड के रूप में स्थापित हो चुका है।
एक नया व्यवसायिक विचार पैदा हुआ
सफल व्यवसाय रामचंद्रन हमेशा अपने कपड़े (clothes) स्वयं धोते थे। वह अपने कपड़े चमकाने के लिए फैब्रिक व्हाइटनर का इस्तेमाल करते थे। जब वह कपड़े धोते थे इसके बाद भी वह कपड़ों की चमक से खुश नहीं थे, क्योंकि कपड़ों में चमक नहीं आ रही थी। वह इसका समाधान लगातार ढूंढ रहे थे। एक दिन अचानक उन्होंने एक पत्रिका में रासायनिक उद्योग (camical industry) से संबंधित एक आर्टिकल पढ़ा,इस आर्टिकल के अनुसार बैंगनी रंग का उपयोग करके कपड़ों की सफेदी के साथ साथ चमक को अधिक बढ़ाया जा सकता है। इस आइडिया (Idea ) के बाद उन्होंने अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया। इस विचार के बाद रामचंद्रन ने एक साल तक बैंगनी रंग पर प्रयोग किया और सकारात्मक परिणाम (positive results) प्राप्त किये। उनके इस प्रयोग से इस तरह ब्रांड का निर्माण हुआ।
अब अपने सफल परीक्षण के बाद रामचंद्रन अपने इस विचार को व्यवसाय (business ) में बदलने का पूर्ण मन बना चुके थे, इस व्यवसाय की शुरुआत उन्होंने अपने भाई से 5 हजार रुपये उधार लिए थे। अपने भाई से ली हुई इस धनराशि से उन्होंने 1983 में अपनी पारिवारिक जमीन के एक हिस्से पर एक अस्थायी फैक्ट्री (fectory) स्थापित की थी। उन्होंने इसका नाम अपनी बेटी के नाम पर ज्योति लैब्स रखा।जब उन्होंने अपनी कंपनी की स्थापना की उस समय तक लोग अभी भी चमकीले और सफेद कपड़ों के लिए संघर्ष कर रहे थे। इसका बैंगनी रंग के साथ अपने एक वर्ष के संघर्ष (struggle) और अनुभव के आधार पर, उन्होंने एक कपड़े को सफेद करने वाला उत्पाद बनाया और उसका नाम उजाला रखा। इस प्रोडक्ट का विज्ञापन आज भी लोगों के जेहन में है और कभी-कभी आपने सुना होगा - "रोशनी की चार बूंदें।"
शुरुआत में रामचंद्रन ने इस उत्पाद को बेचने के लिए 6 स्थानीय महिलाओं (womens) को काम पर रखा, उनकी कंपनी का यह उत्पाद लोगों के बीच लोकप्रिय हो गया। धीरे-धीरे रामचंद्रन की ज्योति लैब्स ने प्रगति करना शुरू कर दिया और नया कीर्तिमान स्थापित किया। उसके बाद कंपनी ने कई अन्य प्रसिद्ध ब्रांड (popular ) बनाए जैसे कि हेंको, मार्गो सोप, एक्सो डिश वॉशर और मैक्सो मॉस्किटो रिपेलेंट्स आदि है। 1997 आते आते तक कंपनी के ब्रांड पूरे देश में मशहूर हो गए और आज कंपनी की कीमत 13 हज़ार करोड़ रुपए से भी ज़्यादा है। इस आर्टिकल से आपको एक सफल व्यवसायी की जिंदगी के संघर्ष और सफलता (success) की गाथा का पता चलता है।