How to Decided Gold Silver Price : सोने की कीमत कैसे तय होती है? जानें पूरी प्रक्रिया और कारण

How to Decided Gold Silver Price :पिछले कुछ वर्षों में सोने और चांदी की कीमतों में तेज़ी से बढ़ोतरी देखी गई है, और विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में सोने की कीमतें एक लाख रुपये प्रति तोला तक पहुंच सकती हैं।

How to Decided Gold Silver Price : सोने की कीमत कैसे तय होती है? जानें पूरी प्रक्रिया और कारण
How to Decided Gold Silver Price

How to Decided Gold Silver Price :पिछले कुछ वर्षों में सोने और चांदी की कीमतों में तेज़ी से बढ़ोतरी देखी गई है, और विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में सोने की कीमतें एक लाख रुपये प्रति तोला तक पहुंच सकती हैं। फिलहाल, सोने की कीमत 78,000 रुपये प्रति तोला से भी अधिक हो चुकी है, हालांकि राज्यों के बीच 100-200 रुपये का मामूली अंतर हो सकता है। भारत में विशेष रूप से शादियों और त्योहारों के दौरान सोने-चांदी की जमकर खरीदारी होती है। भारतीय महिलाओं का सोने से खास जुड़ाव होता है, और यह एक महत्वपूर्ण निवेश भी माना जाता है। लेकिन सोने की कीमतें कैसे तय होती हैं, यह जानना भी उतना ही ज़रूरी है।

सोने-चांदी के दाम कैसे तय होते हैं?

बुलियन बाजार और सर्राफा बाजार सोने-चांदी की कीमतों के लिए प्रमुख भूमिका निभाते हैं। सर्राफा बाजार वह जगह है जहां आम लोग सोने-चांदी की खरीदारी करते हैं, जबकि बुलियन बाजार में व्यापारी फ्यूचर मार्केट के माध्यम से सोने-चांदी का व्यापार करते हैं।

फ्यूचर मार्केट क्या है?

फ्यूचर मार्केट, जिसे वायदा बाजार भी कहा जाता है, एक ऐसा बाजार है जहां व्यापार के समय किसी फाइनेंशियल प्रोडक्ट की दो कीमतें तय की जाती हैं। यह सौदा भविष्य में किसी निश्चित तारीख पर उसी कीमत पर पूरा किया जाता है, चाहे उस समय बाजार में कीमतें बढ़ी हों या घटी हों।

भारत में सोने की कीमत कैसे तय होती है?

भारत में सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजारों से प्रभावित होती हैं। दुनिया का सबसे बड़ा बुलियन मार्केट लंदन में है, और इसे वैश्विक बाजार के रूप में मान्यता प्राप्त है। यहां से सोने-चांदी की कीमतें तय की जाती हैं, जिसमें विभिन्न देशों की सरकारें भी शामिल होती हैं। भारत में सोने की कीमतें मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) द्वारा निर्धारित की जाती हैं, जो लंदन के बुलियन मार्केट एसोसिएशन के साथ समन्वय करती है।

सोने के दाम कम या ज्यादा क्यों होते हैं?

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, भारत में साल भर में सोने की मांग का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा शादियों के दौरान होता है। शादियों के मौसम और त्योहारों के समय सोने की मांग बढ़ने से इसकी कीमतों में भी वृद्धि हो जाती है। इसके अलावा, जियोपॉलिटिकल घटनाएं भी सोने की कीमतों को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के तौर पर, रूस-यूक्रेन और गाजा-फिलीस्तीन के युद्धों जैसी घटनाएं सोने की डिमांड और सप्लाई पर असर डालती हैं, जिससे कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है।

सोने में निवेश क्यों है फायदेमंद?

सोने को हमेशा से एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, खासकर उन परिस्थितियों में जब दुनिया में आर्थिक या राजनीतिक अस्थिरता होती है। जैसे-जैसे सोने की मांग बढ़ती है, वैसे-वैसे इसकी कीमत भी बढ़ती जाती है, और यह निवेशकों के लिए एक सुरक्षित संपत्ति मानी जाती है।

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