8th Pay Commission को लेकर लोकसभा में पहले भी घिरी सरकार, कर्मचारियों को जल्द मिलेगी राहत


केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए एक अहम खबर यह हो सकती है कि लोकसभा में दो सांसद 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन में हो रही देरी को लेकर सवाल उठाने जा रहे हैं। उन्होंने सीधे वित्त मंत्री से पूछेंगे कि आखिर आयोग की अधिसूचना अब तक क्यों जारी नहीं की गई और देरी का असली कारण के बारे में सवाल पूछा गया। हालांकि यह पहला मौका नहीं है कि जब 8वें वेतन आयोग को लेकर संसद में सवाल उठा हो। साल 2022 में भी यह मुद्दा सामने आया था। तब सरकार ने साफ-साफ कहा था कि आयोग के गठन को लेकर कोई भी प्रस्ताव उनके पास विचाराधीन नहीं है। उस वक्त यह जवाब वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दिया था।
कांग्रेस और बीजेपी दोनों के सांसदों ने उठाया था मुद्दा
साल 2022 में यह सवाल कांग्रेस सांसद दीपक बैज और बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल (BJP MP Janardan Singh Sigriwal) ने उठाया था। उनका सीधा सवाल था कि क्या केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग का गठन समय रहते करेगी ताकि यह 1 जनवरी 2026 से लागू हो सके? तब सरकार की तरफ से जवाब मिला था कि इस पर कोई योजना फिलहाल विचाराधीन नहीं है।
अगर आयोग बन गया होता, तो अब तक आ जाती सिफारिशें
संयुक्त कर्मचारी परिषद के महामंत्री आरके वर्मा का कहना है कि सरकार के जवाब ने उस समय लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों को निराश कर दिया था। अगर समय रहते आयोग बना दिया गया होता, तो अब तक उसकी Terms of Reference तय हो चुकी होती और आयोग अपनी रिपोर्ट भी सरकार को सौंप चुका होता। बता दें कि पिछला यानी 7वां वेतन आयोग साल 2016 में लागू हुआ था। परंपरा के अनुसार हर 10 साल में नया वेतन आयोग गठित किया जाता है। ऐसे में 2026 में 8वें वेतन आयोग का लागू होना तय माना जा रहा है, लेकिन उसके लिए आज से ही तैयारियां होनी जरूरी हैं।
सरकार ने सुझाया था एक विकल्प
हालांकि, वेतन में महंगाई की मार को देखते हुए सरकार ने एक वैकल्पिक मॉडल की बात जरूर कही थी। लेकिन कर्मचारियों का मानना है कि आयोग की सिफारिशें अधिक प्रभावशाली और व्यापक होती हैं, जो केवल महंगाई भत्ते के सहारे पूरी नहीं हो सकती। अब सबकी नजरें लोकसभा में होने वाले सवाल-जवाब पर टिकी हैं। अगर इस बार भी सरकार टाल-मटोल करती है, तो आने वाले समय में कर्मचारी संगठनों का विरोध भी देखने को मिल सकता है।