Himachal Electricity Price Hike: हिमाचल की जनता को एक और झटका, अब प्रति यूनिट बिजली खपत पर लगेगा मिल्क सेस
Himachal Electricity Price Hike: हिमाचल प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों पर पर्यावरण सेस लगाने की तैयारी हो रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस संदर्भ में हिमाचल प्रदेश विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक पेश किया है। इस संशोधन का उद्देश्य राज्य में पर्यावरण की सुरक्षा को बढ़ावा देना और औद्योगिक इकाइयों द्वारा उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करना है।
Himachal Electricity Price Hike: हिमाचल प्रदेश के लोगों को जल्द ही बिजली के बिल में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। क्योंकि राज्य सरकार ने बिजली की खपत पर नए सेस लगाने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu) ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश विद्युत (शुल्क) संशोधन विधेयक 2024 सदन में पेश किया। इस विधेयक में दो महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं, जिनमें से एक प्रति यूनिट बिजली की खपत पर 10 पैसे का Milk Sauce लगाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, औद्योगिक इकाइयों पर पर्यावरण सेस लगाने की भी योजना बनाई जा रही है।
क्या है Milk Sauce?
सरकार ने प्रति यूनिट बिजली की खपत पर 10 पैसे का Milk Sauce लगाने का प्रावधान किया है। इसका उद्देश्य राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना और डेयरी उत्पादकों को सहायता प्रदान करना है। जिन उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य (zero electricity bill) होगा, उनसे इस सेस की वसूली नहीं की जाएगी। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में पात्र उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली (Free electricity up to 125 units) दी जाती है, और इस नई व्यवस्था के तहत जिन उपभोक्ताओं का बिजली बिल जीरो होगा, उन्हें Milk Sauce से छूट दी जाएगी।प्रति यूनिट 10 पैसे अतिरिक्त
नई दरें लागू होने के बाद हिमाचल प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं (Domestic consumers of Himachal Pradesh) को प्रत्येक यूनिट के लिए 10 पैसे अतिरिक्त देने होंगे। इसका सीधा असर उन उपभोक्ताओं पर पड़ेगा जो 150 यूनिट से अधिक बिजली का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए, 150 यूनिट बिजली इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ता को 15 रुपये तक का अतिरिक्त बिल भरना होगा। इस अतिरिक्त राजस्व का उपयोग राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा, जिससे प्रदेश के डेयरी किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
औद्योगिक इकाइयों पर पर्यावरण सेस
विधेयक के दूसरे संशोधन के तहत औद्योगिक इकाइयों पर भी पर्यावरण सेस लगाया जाएगा। इसके अंतर्गत लघु औद्योगिक इकाइयों पर प्रति यूनिट 2 पैसे, मध्यम औद्योगिक इकाइयों पर 4 पैसे, बड़े उद्योगों पर 10 पैसे और वाणिज्यिक क्षेत्र पर भी 10 पैसे प्रति यूनिट पर्यावरण सेस का प्रावधान है। यह सेस औद्योगिक क्षेत्रों में स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लगाया जा रहा है।
अन्य क्षेत्रों पर सेस
औद्योगिक इकाइयों के अलावा अस्थाई कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं (consumers) पर प्रति यूनिट 2 रुपये का पर्यावरण सेस लगाया जाएगा। स्टोन क्रशर इकाइयों और electric vehicles के चार्जिंग स्टेशनों पर भी यह सेस लागू होगा। स्टोन क्रशर (stone crusher) पर 2 रुपये प्रति यूनिट और विद्युत वाहनों के चार्जिंग स्टेशनों पर 6 रुपये प्रति यूनिट का पर्यावरण सेस लगाया जाएगा। इससे राज्य में बिजली उत्पादन को रिन्यूएबल एनर्जी की ओर मोड़ा जाएगा और पर्यावरण संरक्षण (environmental protection) के उपायों को सुदृढ़ किया जाएगा।
पर्यावरण संरक्षण और renewable energy को बढ़ावा
पर्यावरण सेस का मुख्य उद्देश्य रिन्यूएबल एनर्जी से बिजली उत्पादन को बढ़ावा देना और पर्यावरण संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाना है। यह कदम राज्य सरकार की ओर से हिमाचल प्रदेश में स्वच्छ ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और औद्योगिक इकाइयों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।
किस पर कितना होगा पर्यावरण सेस?
- लघु औद्योगिक ऊर्जा- ₹0.02 प्रति यूनिट
- मध्यम औद्योगिक ऊर्जा- ₹0.04 प्रति यूनिट
- बड़े औद्योगिक ऊर्जा- ₹0.10 प्रति यूनिट
- कॉमर्शियल कनेक्शन- ₹0.10 प्रति यूनिट
- अस्थाई कनेक्शन- ₹2.00 प्रति यूनिट
- स्टोन क्रशर- ₹2.00 प्रति यूनिट
- इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन- ₹6.00 प्रति यूनिट