Big Breaking || हिमाचल में कांग्रेस के छह बागी और तीन निर्दलीय विधायकों की स्टेट सुरक्षा हटी
Himachal Pradesh Crisis Live Updates News in Hindi
हाइलाइट्स
- प्रतिभा सिंह ने किया बागी विधायकों का समर्थन
- भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बात को संभाला
- हिमाचल प्रदेश में सियासी संकट पर बड़ी खबर
- प्रतिभा सिंह ने किया बागी विधायकों का समर्थन
- भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बात को संभाला
- हिमाचल प्रदेश में सियासी संकट पर बड़ी खबर
Himachal Pradesh Crisis Live Updates News in Hindi || हिमाचल प्रदेश में राज्य की सुरक्षा छह बागी कांग्रेस विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों से हटा दी गई है। हिमाचल पुलिस के जवान जो उनकी सुरक्षा करते थे, वे हटाए गए हैं। नौ विधायकों की सुरक्षा पूरी तरह से हटाई गई है। कांग्रेस के बागी विधायकों की सदस्यता पहले से ही खारिज हो चुकी है
पूरी खबर के लिए बने रहिए ||
29 फरवरी को छह विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी गई. इनमें धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा, सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा, कुटलैहड़ के विधायक देवेंद्र भुट्टो, गगरेट के विधायक चैतन्य शर्मा, लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर और बड़सर के विधायक इंद्र दत्त लखनपाल शामिल थे। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने हाल के राज्यसभा चुनाव में ‘क्रॉस वोटिंग’ करने वाले छह कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया, क्योंकि वे बजट पर मतदान नहीं करते थे।
अध्यक्ष के आदेश के खिलाफ अयोग्य ठहराए गए विधायकों में से एक ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। ये विधायक सरकार के पक्ष में वित्त विधेयक पर मतदान करने के पार्टी व्हिप की अवहेलना करते हुए बजट पर मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे। राज्य की कांग्रेस ने इस आधार पर उन्हें अयोग्य ठहराया था। इस संबंध में 29 फरवरी की शाम एक अधिसूचना जारी की गई, जिसके अनुसार ये छह विधायक 29 फरवरी से हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं रहेंगे।
अधिसूचना में कहा गया, "इसके परिणामस्वरूप, विधानसभा क्षेत्रों-धर्मशाला, लाहौल और स्पीति, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट और कुटलैहड़ की सीट रिक्त हो गई हैं तथा इससे हिमाचल प्रदेश की चौदहवीं विधानसभा में छह सीट खाली हो गई हैं।"राजेंद्र राणा ने कहा कि वे छह विधायक आदेशों को अयोग्य ठहराने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करेंगे। उन्होंने कहा, "27 फरवरी की रात को WhatsApp पर छह विधायकों में से केवल एक को नोटिस मिला और हम 27 तथा 28 फरवरी को सदन में मौजूद थे।