Himachal News || हिमाचल में बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार को दी चेतावनी, 'आचार संहिता से पहले बहाल करें ओल्ड पेंशन स्कीम, वरना...

Himachal News ||  बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने आचार संहिता लागू होने से पहले पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने की मांग की है। वादे के बावजूद ओपीएस को बहाल नहीं करने से कर्मचारी निराश हैं।

Himachal News || हिमाचल में बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार को दी चेतावनी, 'आचार संहिता से पहले बहाल करें ओल्ड पेंशन स्कीम, वरना...

Himachal News || ​शिमला: हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड में काम करने वाले लोगों को अपमानित महसूस होता है। जनवरी में कर्मचारियों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार से आश्वासन मिलने के बाद, लेकिन ओल्ड पेंशन स्कीम अब तक फिर से शुरू नहीं हुई है।

इन कर्मचारियों ने जनवरी महीने में राज्य को ब्लैक आउट करने की चेतावनी दी थी।

राज्य सरकार ने फिर कर्मचारियों से बातचीत की और बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम में शामिल करने का वादा किया। कर्मचारियों को अब लगभग तीन महीने बीत जाने के बाद भी ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिलना शुरू नहीं हो सका है।

ओल्ड पेंशन योजना को जल्द से जल्द लागू करने की मांग

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शिमला में हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारियों और इंजीनियरों के संयुक्त मोर्चे की बैठक हुई। संयुक्त मोर्चे की बैठक के बाद, संयोजक इंजीनियर लोकेश ठाकुर और सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम देने में देरी हो रही है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उनका कहना था कि बिजली बोर्ड के कर्मचारी अपमानित महसूस कर रहे हैं। इससे कर्मचारियों में भी भारी रोष है। संयुक्त मोर्चे ने निर्णय लिया है कि वह एक बड़े आंदोलन की तरफ फिर से भाग जाएगा अगर बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली नहीं होती।

आंदोलन होगा अगर मांग नहीं मानी जाएगी।

लोकसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता भी जल्द ही लागू होने वाली है। ऐसे में यह कर्मचारी जल्द से जल्द राज्य सरकार से ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की मांग कर रहे हैं। संयुक्त मोर्चे का कहना है कि प्रदेश में पुरानी पेंशन लागू होने में एक साल से अधिक का समय बीत गया है, लेकिन बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को इसमें नहीं रखा गया है। राज्य सरकार ने मामले में अनावश्यक देरी की है। राज्य सरकार को चेताया है कि अगर उनकी मांग को जल्द से जल्द नहीं माना गया, तो वे आंदोलन करेंगे।