HP Assembly Session: कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर सदन में हंगामा, CM सुक्खू के जवाब से भड़की BJP

HP Assembly Session: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आज कर्मचारियों को देय महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) के मुद्दे पर हंगामे की भेंट चढ़ गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गोलमोल जवाब से असंतुष्ट होकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के नेतृत्व में पूरी भाजपा ने सदन के वेल में जाकर जमकर नारेबाजी की
 
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 HP Assembly Session: शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का चौथा दिन गुरुवार को कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (Dearness Allowance - DA) के मुद्दे पर पूरी तरह गरमाया रहा। प्रदेश के लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों से जुड़े इस अहम मुद्दे पर सरकार के जवाब से नाराज होकर विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया और अंत में नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।

प्रश्नकाल में ऐसे बढ़ा टकराव

सदन की कार्यवाही के दौरान जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, जिसमें बाद विपक्ष ने कर्मचारियों का 11 फीसदी लंबित महंगाई भत्ते का मामला जोर-शोर से उठाया। भाजपा विधायक विक्रम ठाकुर ने सरकार को उसका ही वादा याद दिलाते हुए कहा, "मुख्यमंत्री ने बजट सत्र के दौरान सदन में यह घोषणा की थी कि कर्मचारियों को मई के महीने में डीए की किस्त जारी कर दी जाएगी। लेकिन आज अगस्त का महीना खत्म होने को है, और सरकार ने अब तक अपनी ही घोषणा को पूरा नहीं किया है।

विपक्ष के सवालों के जवाब में Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu  ने सिर्फ इतना ही कहा कि "जल्द ही महंगाई भत्ता जारी कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री के इस गोलमोल और बिना किसी निश्चित तारीख वाले जवाब से विपक्ष भड़क गया। भाजपा विधायकों ने इसे सरकार की टालमटोल की नीति बताते हुए अध्यक्ष के आसन के पास (वेल में) जाकर खड़े हो गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ देर तक चले हंगामे और नारेबाजी के बाद Leader of Opposition Jairam Thakur के नेतृत्व में सभी भाजपा विधायक सदन से बाहर चले गए।

'सरकार दे रही राजनीतिक और गोलमोल जवाब': जयराम

सदन से वॉकआउट करने के बाद विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष Jai Ram Thakur ने सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, "सरकार कर्मचारियों के इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर बार-बार घूमा-फिराकर और राजनीतिक जवाब दे रही है, जो सदन और प्रदेश की जनता का अपमान है। इसी के विरोध में हमने सदन से वॉकआउट किया है।"

उन्होंने आगे कहा, "बजट एक पवित्र दस्तावेज होता है और उसमें की गई घोषणा को पूरा करना सरकार का कर्तव्य है। मुख्यमंत्री ने खुद मई में डीए देने का वादा किया था, लेकिन आज तक वह वादा पूरा नहीं हुआ। जब हम इस पर सवाल पूछते हैं, तो हमें कोई सीधा जवाब नहीं मिलता। यह सरकार की कथनी और करनी में अंतर को साफ दिखाता है।"

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