Eid ul Fitr 2024 || ईद 2024 की मुबारकबाद, देशभर में दिखा चांद,कल मनाया जाएगा ईद- उल फितर का त्यौहार
ईद अल-अधा रमज़ान के पवित्र महीने की समाप्ति के बाद शव्वाल महीने के पहले दिन मनाया जाता है
Eid ul Fitr 2024 || ईद रमज़ान के पवित्र महीने की समाप्ति के बाद शव्वाल महीने के पहले दिन मनाया जाता है। ईद मनाने के पीछे का मिथक, इस्लाम के अनुसार, मुसलमानों के लिए ईद मनाने से पहले चांद देखना बहुत जरूरी है।
Eid ul Fitr 2024 || बुधवार शाम (Wednesday evening) देश के कई बड़े शहरों में शव्वाल महीने का चांद नजर आ गया है. इसके साथ ही देशभर में Eid-उल-फितर (Eid ul fitr) का त्योहार गुरुवार 11 अप्रैल को मनाया जाएगा। एक दिन पहले चांद दिखने के कारण जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बुधवार को Eid मनाई गई। इस्लाम के केंद्र सऊदी अरब (Saudi Arab) में भी बुधवार को Eid का त्योहार मनाया गया l इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, रमज़ान का महीना 29 या 30 दिन का होता है। भारत में रमज़ान के 29वें दिन चांद नहीं दिखा.चूंकि 30वें दिन चांद दिख गया, इसलिए भारत और बांग्लादेश में गुरुवार 11 अप्रैल को Eid मनाई जाएगीl
चाँद को देखना क्यों ज़रूरी है?
Eid रमज़ान के पवित्र महीने (secret month) की समाप्ति के बाद शव्वाल महीने के पहले दिन मनाया जाता है। Eid मनाने के पीछे का मिथक, इस्लाम के अनुसार, मुसलमानों के लिए Eid मनाने से पहले चांद देखना बहुत जरूरी है। इसीलिए लोग शब-ए-बारात, शब-ए-कद्र, Eid और Eid-उल-अजहा जैसे त्योहारों से पहले चांद देखते हैं। इस्लाम (Islam) में नया चांद देखने की पारंपरिक परंपरा है, जो कई सालों से चली आ रही हैl क्योंकि शरीयत में अपनी आंखों (eyes) से देखने और गवाही देने से ही सबूत मिलता है।
चांद दिखने के बाद अल्लाह से दुआ की जाती है। Eid-उल-फितर रमज़ान के पवित्र महीने के अंत में मनाया जाता है।रमज़ान के दौरान मुसलमान पूरे महीने रोज़ा रखते हैं। मान्यताओं के अनुसार, Eid का त्योहार (festival) इस्लाम के आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के बद्र की लड़ाई में जीत (win) हासिल करने की खुशी में मनाया जाता है.बद्र की लड़ाई जीतना पैगम्बर के लिए आसान नहीं था क्योंकि उनके सामने दुश्मनों की एक बड़ी सेना थी जबकि उनके साथ केवल (only) 303 साथी मौजूद थे। खास बात यह है कि उस वक्त रमजान का महीना चल रहा था और पैगंबर और उनके सभी साथी रोजे रख रहे थे.इसके बावजूद पैगंबर ने बहादुरी दिखाई और दुश्मन सेना को हरा दिया.जंग-ए-बद्र की जीत के बाद Eid का त्योहार मनाया गयाl