हाथरस हादसे के बाद साकार हरि के लिए पुलिस से भिड़ा भक्त: ‘बाबा नहीं परमात्मा कहो, भगवान हैं वो’
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई मुगलगढ़ी गांव में आयोजित एक धार्मिक सत्संग के समापन पर मची भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई। इस त्रासदी के बाद प्रमुख आयोजक और अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों की तलाश में जुटी पुलिस को पता चला कि सत्संग के आयोजक, अनुयायी और समर्थक लगातार "भोले बाबा" उर्फ नारायण साकार हरि से संपर्क में थे। हाथरस हादसे के बाद इन व्यक्तियों ने बाबा को 20 कॉल किए, जिससे इस मामले में नई कड़ियाँ जुड़ गई हैं।जांच टीम को हादसे के बाद 20 कॉल्स का पता चला है।
बताते चले कि हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई मुगलगढ़ी गांव में नारायण साकार हरि द्वारा आयोजित सत्संग के दौरान समापन पर भगदड़ मच गई। भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए। हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस गहराई से जांच कर रही है। जांच में यह पता चला कि मुख्य आयोजक और उसके सहयोगियों ने बाबा को लगातार 20 बार कॉल किए, जिससे यह शक पैदा हो गया कि बाबा की घटना के बाद से निर्देश देने में भूमिका हो सकती है।
हादसे के बाद पुलिस ने मुख्य आयोजक और अन्य संबंधित व्यक्तियों के मोबाइल नंबरों की जांच शुरू की। पाया गया कि इन व्यक्तियों ने हादसे के तुरंत बाद बाबा को लगातार कॉल किए, जिसके बाद उन सभी के नंबर बंद हो गए। यह संदेह बढ़ गया कि बाबा के निर्देश पर ही यह कदम उठाया गया होगा।
नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का ठिकाना मैनपुरी के बिछवां क्षेत्र में स्थित उनके आश्रम में बताया जा रहा है। जैसे ही यह खबर फैली, उनके अनुयायी आश्रम पहुंचने लगे। अनुयायी बाबा को परमात्मा मानते हैं और उनका दावा है कि बाबा की नाराजगी से धरती नष्ट हो सकती है। उन्होंने बाबा को पुलिस की नजर से बचाने के लिए प्रतिक्रिया दी और पुलिस से भिड़ने को तैयार हो गए।
नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा अपने अनुयायियों के लिए केवल एक धार्मिक नेता नहीं बल्कि एक परमात्मा के रूप में देखे जाते हैं। उनके अनुयायी इस विश्वास के साथ खड़े हैं कि बाबा का क्रोध धरती को नष्ट कर सकता है। यह विश्वास इतना प्रबल है कि अनुयायी बाबा के लिए पुलिस से भिड़ने और संघर्ष करने के लिए तैयार हैं। उसके भक्तों अनुसार बाबा को परमात्मा के रूप में मान्यता है ओर बाबा के क्रोध से धरती नष्ट हो जाएंंगी।
हाथरस हादसे के बाद हुए इस घटनाक्रम सेनारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा और उनके अनुयायियों के धार्मिक विश्वास और भावनाओं सामने आई है। पुलिस की जांच जारी है और यह देखना बाकी है कि इस मामले में बाबा की क्या भूमिका रही है।