Ramlala Pran Pratishtha || राम लला की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं जाएंगे हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य सिंह, लिया यू टर्न

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Ramlala Pran Pratishtha || शिमला। अयोध्या में 22 जनवरी को Ramlala Pran Pratishtha समारोह में जाने को लेकर हिमाचल के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने यू टर्न लिया है। शिमला में मीडिया से बातचीत में विक्रमादित्य सिंह ने अब साफतौर पर कहा कि हम जाएंगे, जब भी जाना होगा। जरूरी नहीं उसी दिन (प्राण प्रतिष्ठा समारोह) जाना है। इससे पहले उन्होंने रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने की बात कही थी। पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भाजपा और आरएसएस से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है कि हम कितने हिन्दू हैं। हम कांग्रेस पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता हैं। कांग्रेस की विचारधारा उनकी विचार धारा है। आरएसएस और संघ के साथ उनके वैचारिक और सैद्धांतिक मतभेद हैं।

हम हमेशा उन सांप्रदायिक ताकतों का विरोध करते आए हैं जो देश और प्रदेश को बांटने की कोशिश करती हैं। सनातनी होने के नाते उनका दायित्व है कि प्रदेश कि देव संस्कृति को बना कर रखें। पूर्व में वीरभद्र सरकार ने प्रदेश में धर्मांतरण का कानून लाया। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने ही 1989 में राम मंदिर के दरवाजे खोले। पार्टी का निर्देश मान्य है। कांग्रेस पार्टी हाईकमान की बड़ी सोच है। उन्होंने किसी को मना नहीं किया है कि आप जाएं या नहीं जाएं। पार्टी हाईकमान ने एक सोच के साथ बात रखी है। हम हाईकमान की बात का मान-सम्मान करते हैं पर हम जाएंगे, जब भी जाएंगे, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि उसी दिन जाना है। पार्टी हाईकमान ने कहा है कि आप जब जाना चाहते हैं, जा सकते हैं, सब स्वतंत्र हैं। धर्म का राजनीति के साथ कोई लेना-देना नहीं है।

धर्म अपनी जगह है और राजनीति अपनी जगह है। इसलिए हम जाएंगे भी जब भी जाना होगा। श्री राम मंदिर ही नहीं देश के अन्य मंदिरों में भी जाएंगे। बता दें कि कुछ दिन पहले विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि हिमाचल में कुछ ही लोगों को निमंत्रण का सौभाग्य मिला है। उन्होंने निमंत्रण के लिए आरएसएस व विश्व हिंदू परिषद का आभार जताया था। उन्होंने कहा था कि ऐसे अवसर जीवन में बहुत कम मिलते हैं। वह इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनेंगे। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री भी अयोध्या में होंगे। हिंदू और सनातनी देव समाज में विश्वास होने के नाते वह अयोध्या जाएंगे।