UPI Transaction Limit: अस्पताल और स्कूल फीस भरने की टेंशन खत्म! UPI से अब एक झटके में भेजें 5 लाख, RBI के इस फैसले ने दी करोड़ों लोगों को राहत!

UPI Transaction Limit: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए कुछ खास कैटेगरी के लिए UPI ट्रांजैक्शन की सीमा को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है। यह नया नियम 15 सितंबर 2025 से देशभर में लागू हो जाएगा।

UPI Transaction Limit: डिजिटल पेमेंट इस्तेमाल करने वाले करोड़ों भारतीयों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब आपको अस्पताल के बिल या बच्चों की स्कूल-कॉलेज की फीस भरने के लिए बार-बार UPI पेमेंट करने के झंझट से छुटकारा मिलने वाला है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने कुछ विशेष कैटेगरी के लिए UPI ट्रांजैक्शन की सीमा को पांच गुना तक बढ़ा दिया है। अब आप एक बार में 1 लाख की जगह सीधे 5 लाख रुपये तक का भुगतान कर सकेंगे।

किन कैटेगरी में मिलेगी यह बड़ी छूट?

NPCI ने यह साफ किया है कि यह बढ़ी हुई लिमिट सभी तरह के ट्रांजैक्शन के लिए नहीं है। फिलहाल, इसका फायदा मुख्य रूप से दो बड़े सेक्टरों को मिलेगा।

अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाएं

अगर आप किसी अस्पताल में इलाज का बिल चुका रहे हैं, तो अब आप एक ही बार में 5 लाख रुपये तक का UPI पेमेंट कर पाएंगे। इससे मरीजों और उनके घरवालों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्हें अक्सर बड़े बिलों का भुगतान कई बार में करना पड़ता था।

शिक्षण संस्थानों की फीस

इसी तरह, अब स्कूल, कॉलेज या किसी भी अन्य शिक्षण संस्थान की फीस का भुगतान भी UPI के जरिए आसानी से किया जा सकेगा। अब अभिभावक और छात्र एक ही ट्रांजैक्शन में 5 लाख रुपये तक की फीस भर सकते हैं। इस कदम से digital payment को और बढ़ावा मिलेगा।

कब से लागू होगा यह नया नियम?

NPCI द्वारा जारी सर्कुलर के मुताबिक, UPI ट्रांजैक्शन की यह नई सीमा 15 सितंबर 2025 से पूरे देश में लागू हो जाएगी। NPCI ने सभी सदस्य बैंकों, पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स और ऐप्स को इस नए नियम को लागू करने के लिए जरूरी तकनीकी बदलाव करने का निर्देश दिया है। यह फैसला रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पिछले साल के प्रस्ताव के बाद आया है, जिसका उद्देश्य UPI transaction limit को बढ़ाकर डिजिटल भुगतान को और अधिक सुविधाजनक बनाना था।

आम लेनदेन की सीमा में कोई बदलाव नहीं

यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि सामान्य यानी पर्सन-टू-पर्सन (P2P) ट्रांजैक्शन के लिए UPI की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ज्यादातर मामलों में यह सीमा पहले की तरह 1 लाख रुपये प्रतिदिन ही रहेगी। बढ़ी हुई 5 लाख की लिमिट सिर्फ वेरिफाइड अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों के लिए ही लागू होगी। यह NPCI guideline डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।