आत्महत्या के लिए बदनाम हैं भारत के ये राज्य, वजह जानकारी आप भी हो जाओगे हैरान ।। Sant Suicide Case Kota of Rajasthan

Sant Suicide Case Kota of Rajasthan  पत्रिका एजैंसी: भारत के एजुकेशन हब कहे जाने वाले राजस्थान के कोटा (Kota of Rajasthan) में छात्रों के आत्महत्या करने की खबरें लगातार आ रही हैं। कोटा इसी बीच राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी NCRB के आंकड़े भी देश के अन्य राज्यों की स्थिति का भी खुलासा करती नजर आ रही है। रिपोर्ट आत्महत्या से जुड़े सबसे ज्यादा मामले पांच राज्यों, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में दर्ज किए गए थे।

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 देश के इन पांच राज्यों में दर्ज किए गए
5 राज्य रिपोर्ट में कहा गया है, कुल मिलाकर, सभी आत्महत्याओं के 50.4 प्रतिशत मामले देश के इन पांच राज्यों में दर्ज किए गए।  आधे से ज्यादा NCRB के अनुसार, 2021 में देश में आत्महत्याएं के मामलों की कुल संख्या 1,64,033 थी। रिपोर्ट ने अगस्त 2022 में इस चौंकाने वाले डेटा का खुलासा किया। डेटा बताया जा रहा है कि 2021 में देश में दर्ज की गई आत्महत्याओं में 7.2 प्रतिशत की चिंताजनक वृद्धि हुई है और कुल संख्या 1,64,033 मामलों तक पहुंच गई है। बढ़ता ग्राफ पेशे या करियर, अलगाव की भावना, दुर्व्यवहार, हिंसा, पारिवारिक संघर्ष, मानसिक स्वास्थ्य, शराब जैसी कई खुदकुशी की बड़ी वजहें हो सकती हैं। वजहें इनके अलावा वित्तीय असफलताएं, क्रोनिक दर्द जैसे भी कई मुद्दे निकलकर सामने आ रहे हैं। कारण और भी हैं

दो लाख बच्चे, 4 हजार हॉस्टल, 600 मैस सहित अन्य व्यवस्थाएं 
कोटा में जो व्यवस्थाएं हैं वह देशभर में कहीं भी नहीं हैं. यहां वर्तमान में 4 हजार के करीब हॉस्टल हैं जहां विश्व स्तरीय सुविधाएं देने का प्रयास किया जा रहा है. इसके साथ ही स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए 600 मैस संचालित की जा रही हैं वहीं बच्चे परिवार की तरह पीजी में रहते हैं जहां उन्हें परिवार के लोग ही भोजन बनाकर देते हैं साथ ही कुछ किराए से रहते हैं जिनके परिजन भोजन की व्यण्वस्था करते हैं. इसके साथ ही यहां 50 हजार पीजी रूम, फ्लेट भी हैं. 6 से 7 हजार करोड की इस कोचिंग इंडस्ट्रीज में 10 से ज्यादा बडे कोचिंग और दर्जनों छोटे कोचिंग हैं. कोटा कोचिंग से करीब एक से डेढ लाख लोगों को रोजगार भी मिल रहा है.

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