हेलमेट ही काफी नहीं, दो पहिया वाहन चलाते समय इनबातों का ध्यान रखना भी जरूरी, नहीं तो पुलिस कर रही इंतजार
न्यूज हाइलाइट्स
पत्रिका न्यूज सर्विस: नई दिल्ली: Helmet Is Not Enough || दुपहिया वाहनों पर सवार होते समय, हम हेलमेट पहनकर सड़क पर उत्तरते है। और भूल जाते है कि हमने हेलमेट पहन लिया और कानून के सभी नियमों पर पालन कर रहे है। लेकिन आप गतल हो यदि आप दुपहिया वाहन चला रहे है तो उसमें कुछ बातों का आपको ध्यान रखाना होगा। जोकि आपके लिए बेहत जरूरी है। नहीं तो आपको काफी नुक्सान हो सकता है। आज हम आपको दुपहिया वाहन चलाते समय क्या करना चाहिए बता रहे हैं। दुपहिया चलाते समय आपको नुकसान नहीं होगा अगर आप यहां बताई गई निर्देशों का पालन करेंगे।
रेस ट्रैक कभी भी सड़क पर नहीं हो सकता। इसलिए रेस में कभी नहीं रहें। वाहन की स्थिति और ब्रेक्स की स्थिति के आधार पर आपको सुरक्षित गति निर्धारित करनी होगी। याद रखें कि अपनी गति को दोगुना करके भी आप गंतव्य तक पहुंचने में बहुत अधिक समय नहीं बच पाएंगे। इसलिए जीवन बचाने पर नहीं, समय बचाने पर ध्यान दें
- अपने दो पहिया वाहनों को अच्छी तरह से मेन्टेन रखें। वाहन को हर छह महीने में या कार कंपनी द्वारा निर्धारित किमी तक चलाने पर आवश्यक रूप सेसर्विसिंग करवाएं। सर्विसिंग के अलावा, टायर्स और ब्रेक्स को देखें। उन्हें खरीदने में देरी मत करो क्योंकि कई सड़क हादसे केवल खराब टायरों या ब्रेक्स से होते हैं।
- बहुत से दो पहिया वाहनों में रियर मिरर नहीं होते। दो पहिया वाले चालकों की सुरक्षा के लिए रियर मिरर सबसे महत्वपूर्ण है। इसका इस्तेमाल हर बार करें। समय से पहले ही इंडिकैटर देना भी याद रखें। बहुत से लोग बिल्कुल मुड़ते समय इंडिकेटर देते हैं और फिर तुरंत मुड़ जाते हैं। यह एक घातक आदत है।
- कई हादसे दूसरे की गलती से होते हैं। यही कारण है कि सड़क पर दो पहिया वाहन चलाते समय हमेशा यह मानकर चलें कि कोई भी सामने से या बाजू से टक्कर मार सकता है। इसलिए रोड़ पर चलाते समय इतनी जगह रखें कि आप दूसरे वाहन से टकराने से बच सकें।
- वाहन के पिछले भाग में और हेलमेट के पिछले भाग में रिफ्लेक्टिव स्टिकर लगाकर रखें। इससे दूसरों को रात के अंधेरे में दो पहिया वाहन चलाने पर आपकी उपस्थिति का पता चलेगा।
- हादसा होने पर फोन को अनलॉक करके इमरजेंसी नंबर पर कॉल नहीं कर सकते। यही कारण है कि आपका ब्लड ग्रुप और इमरजेंसी नंबर हमेशा अपने साथ रखें। यह जानकारी को वाहन पर या कम से कम डिक्की के भीतर किसी स्टीकर पर चिपकाकर रखना सबसे अच्छा है। हादसा होने पर कोई भी डिक्की खोल सकता है।
- अगर आप घटनास्थल पर हैं और आप दो पहिया वाहन चालक हैं, तो दुर्घटना वाले वाहन की डिक्की खोलकर देख लें, ताकि आप ऐसी जानकारी अगर उसमें लिखी हो तो पा सकें। आदत बनायें। इस छोटे से कदम से किसी को बचाया जा सकता है।
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