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Himachal News: हिमाचल में स्कूल-कॉलेज स्टाफ नहीं बना सकेगा वीडियो-रील्स, ​शिक्षा ​विभाग ने जारी किये कड़े आदेश

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न्यूज हाइलाइट्स

​Himachal News:  शिमला:  हिमाचल प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों (Educational Institutions) में अब गैर-शैक्षणिक वीडियो (Non-academic videos) और रील्स (Reels) बनाने पर पाबंदी (Ban) लगा दी गई है। इसके साथ ही सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, यूट्यूब (Social media) के अनावश्यक (Unnecessary) इस्तेमाल पर भी रोक (Restriction) लगाई गई है। बीते दिन शनिवार को उच्च शिक्षा निदेशालय (Higher Education Directorate) ने सभी स्कूलों (Schools) और कॉलेजों (Colleges) के प्रिंसिपल्स (Principals) को इस संदर्भ में सख्त निर्देश (Instructions) जारी किए हैं। निदेशालय का कहना है कि इन गतिविधियों (Activities) का छात्रों (Students) पर नकारात्मक प्रभाव (Negative Impact) पड़ सकता है। इसके अलावा यदि शिक्षकों (Teachers) और कर्मचारियों (Employees) ने इन आदेशों (Orders) का पालन (Compliance) नहीं किया तो उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई (Disciplinary Action) की जाएगी। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि यह निर्णय (Decision) विद्यार्थियों (Students) की शिक्षा (Education) को बेहतर बनाने और ध्यान भटकाने वाली गतिविधियों (Distraction Activities) पर नियंत्रण (Control) पाने के उद्देश्य से लिया गया है।

हाल के दिनों में, सोशल मीडिया (Social Media) पर शिक्षकों (Teachers) और अन्य कर्मचारियों (Employees) द्वारा गैर-शैक्षणिक गतिविधियों (Non-academic activities) में भाग लेने (Participation) की कई शिकायतें (Complaints) प्राप्त हुई हैं। निदेशालय ने इस पर त्वरित कार्रवाई (Action) करते हुए सभी प्रिंसिपल्स (Principals) और जिला शिक्षा उपनिदेशकों (District Education Officers) को पत्र भेजकर आवश्यक कदम (Measures) उठाने की बात कही है। विभागीय अधिकारियों (Departmental Officials) का कहना है कि कुछ शिक्षक (Teachers) और कर्मचारी (Staff) स्कूल के समय (School Time) में ऐसी सामग्री (Content) बना रहे हैं, जो छात्रों (Students) के शैक्षणिक विकास (Academic Development) में कोई योगदान (Contribution) नहीं करती है।

ऐसी वीडियो (Videos) और रील्स (Reels) सोशल मीडिया (Social Media) पर साझा (Shared) की जा रही हैं, जो शैक्षणिक (Educational), खेल (Sports) या पाठ्यक्रम (Curriculum) से संबंधित नहीं होती हैं। इन गतिविधियों (Activities) के कारण छात्रों (Students) का ध्यान भटकता है और वे सोशल मीडिया (Social Media) के गलत उपयोग (Misuse) में लिप्त हो सकते हैं, जो उनके मानसिक (Mental) और भावनात्मक (Emotional) स्वास्थ्य (Health) के लिए हानिकारक (Harmful) साबित हो सकता है।

अब समय (Time) आ गया है कि हम एक बेहतर माहौल (Better Environment) बनाने पर ध्यान केंद्रित करें। स्कूलों (Schools) और कॉलेजों (Colleges) के प्रिंसिपल्स (Principals) को यह सुनिश्चित (Ensure) करने के लिए निर्देशित किया गया है कि वे विद्यार्थियों (Students) का चरित्र निर्माण (Character Building) करें और उन्हें जिम्मेदार (Responsible) और बेहतर नागरिक (Citizens) बनने के लिए अनुकूल माहौल (Conducive Environment) प्रदान करें।

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