Himachal CPS Case || हिमाचल में सुक्खू सरकार को बड़ा झटका, हाई कोर्ट ने 6 CPS सरकारी सुविधाएं छीनीं, सैलरी पर लगाई रोक

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

Himachal CPS Case || शिमला में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने बुधवार को राज्य के सभी छह CPS से मंत्री पद की सभी सुविधाएं छीन लीं। मुख्य संसदीय सचिव (CPS) की नियुक्तियों को चुनाती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह अंतरिम आदेश पारित किया। 12 मार्च को मामले की अगली सुनवाई होगी। एक साल पहले, CM सुखविंदर सिंह मंत्रिमंडल (CM Sukhwinder Singh Cabinet) ने छह कांग्रेस विधायकों को सीपीएस बनाया था। बीजेपी के 11 विधायकों और अन्य ने इसे असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कीं। याचिका में इन सभी विधायकों को मंत्री पद पर रहने से रोका जाए।

साल पहले CPS || Himachal CPS Case ||

साल पहले, CM सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Cabinet) की अगुवाई वाली सरकार में छह कांग्रेसी विधायकों (Congress MLA) को CPS (Chief Parliamentary Secretary) बनाया गया था। इनकी नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के ग्यारह विधायकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस याचिका में CPS बनने वाले विधायकों को मंत्री बनने से रोका जाए।

मामले की सुनवाई के बाद, हाईकोर्ट की जस्टिस संदीप शर्मा (Justice Sandeep Sharma) और जस्टिस विवेक ठाकुर (Justice Vivek Thakur) की बैंच ने सरकार को अंतरिम आदेश दिया कि किसी CPS को मंत्रियों की तरह सुविधाएं नहीं दी जाएं। BJP विधायकों की ओर से केस की पैरवी कर रहे एडवोकेट सत्यपाल जैन ने कहा कि CPS मंत्री अब काम नहीं कर पाएंगे। राज्य सरकार के पूर्व एडवोकेट जनरल श्रवण डोगरा (Former Advocate General Shravan Dogra) ने अदालत में शिकायत की।

 

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