weather of Himachal Pradesh : हिमाचल प्रदेश के मौसम पर बड़ा अपडेट, इन जिलों में होगी भारी बारिश; IMD का येलो अलर्ट

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

weather of Himachal Pradesh :   Himachal Pradesh में मानसून पिछले कुछ दिनों से कम हो गया है। राज्य में अब तक सामान्य मानसून से 20% कम वर्षा हुई है। मौसम विभाग ने हालांकि अगले 24 घंटों में भारी बारिश का येलो अलर्ट (Yellow alert of heavy rain) जारी किया है। इस समय, मैदानी और मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश हुई है। विभाग ने हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, बिलासपुर और चम्बा जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। राज्य में मौसम 18 जुलाई तक खराब रहने की संभावना है। 14 जुलाई से 18 जुलाई तक गरज-चमक वाली बारिश का अलर्ट जारी रहेगा। शुक्रवार को शिमला की राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में भारी बादल रहेंगे।

भूस्खलन से  10 सड़कें ठप, 49 ट्रांसफार्मर खराब, 

मानसून कम होने से राज्य में भूस्खलन से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत में तेजी आई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया कि शुक्रवार सुबह तक प्रदेश भर में भूस्खलन से सिर्फ दसवीं सड़कें ही बंद रहीं। शिमला जिले के रामपुर उपमंडल में चार सड़कें ठप हैं, जबकि कांगड़ा और मंडी जिले में तीन-तीन सड़कें ठप हैं। कांगड़ा जिले में इंदौरा, जयसिंहपुर और नगरोटा बंगवा उपमंडलों में एक-एक सड़क बाधित है। यही कारण है कि मंडी जिला के धर्मपुर उपमंडल में तीन सड़कों पर ट्रांसपोर्ट ठप है। राज्य में भी खराब मौसम से ठप हुए 49 ट्रांसफार्मर हैं, रिपोर्ट बताती है। इनमें 34 ट्रांसफार्मरों के बंद रहने से मंडी जिला में 34 और चंबा जिला में 15 ट्रांसफार्मरों को बिजली की आपूर्ति बाधित है। मंडी जिला के जोगेंद्रनगर में 33 ट्रांसफार्मर, सरकाघाट में 1 और चंबा जिला के तीसा में 14 ट्रांसफार्मर बंद हैं. चंबा उपमंडल में भी एक ट्रांसफार्मर बंद है। इसके अलावा बिलासपुर में एक पेजयल परियोजना भी प्रभावित हुई है।

दो हफ्तों में मानसूनी वर्षा से 175 करोड़ का नुकसान

Himachal Pradesh में मानसून ने 27 जून को दस्तक दी थी और पिछले 15 दिनों में राज्य में मानसून की वर्षा से विभिन्न सरकारी विभागों को 175 करोड़ का नुकसान आंका गया है। इनमें सर्वाधिक 105 करोड़ का नुकसान लोकनिर्माण विभाग को हुआ है। प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान वर्षा जनित हादसों में 49 लोगों की जान गई है और 71 घायल हुए हैं। इसके अलावा दो लोग लापता भी हुए हैं। इस बार मानसून सीजन में भूस्खलन, फ्लैश फ्लड, बादल फटने और आसमानी बिजली की चपेट में आने से कोई मौत नहीं हुई हैं। राज्य में मानसून सीजन में सर्वाधिक 24 मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हुई हैं। इसके अलावा बहने से नौ, सर्पदंश से तीन, करंट से चार और पहाड़ी व उंचाई से फिसलकर गिरने की वजह से आठ व्यक्तियों की मौत हुई हैं।

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