ताऊते’ का जल तांडव! जानें क्यों आते हैं चक्रवाती तूफान और कौन तय करता है इन तूफानों के नाम
Tauktae Chakrawat News: Water orgy of Taute! Know why cyclones come and who decides the names of these storms

पत्रिका डेस्क: अरब सागर से उठे चक्रवात ‘ताऊ ते’ का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर पड़ेगा। ऐसे में कई लोगों के जहन में ये सवाल हैं कि आखिर ये तूफान आता क्यों है और इन तूफानों का नाम रखता कौन हैं। चक्रवात का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर पड़ेगा भारी बारिश के कारण कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो सकते हैं। यहां पर सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि आखिर हर साल भारत में तो तूफान आने लगे हैं मई और जून में चक्रवाती तूफान आना आम बात हो गई है। एक रिपोर्ट की मानें तो ज्यादातर चक्रवाती तूफान बंगाल की खाड़ी में होते हैं पिछले 120 साल में आए सभी चक्रवाती तूफान के 14 प्रतिशत ही भारत के पास से अरब सागर में आए हैं। बंगाल की खाड़ी में उठने वाले तूफानों की तुलना में अरब सागर के चक्रवाती तूफान अपेक्षाकृत कमजोर होते हैं। लेकिन इस बार यह काफी ताकतवर बताया जा रहा है
Tauktae Chakrawat News
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इलाके के समुद्र में मौसम की गर्मी तेज हवा गर्म होकर अत्यंत कम वायुदाब का चित्र बनाती है। हवा गर्म होकर तेजी से ऊपर आती है और ऊपर की नमी से मिलकर नमीं से बादल बनाती है। नमी वाली हवा तेजी से नीचे जाकर ऊपर आती है जब हवा बेहद तेजी से उस क्षेत्र के चारों तरफ घूमती है तू घने बादलों और बिजली के साथ मूसलाधार बारिश करती है। इस हवा की रफ्तार हजारों किलोमीटर में हो सकता है। आखिर कौन इन तूफानों का नाम रखता है, मौसम संगठन और संयुक्त राष्ट्र की प्रसाद एशियाई क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक आयोग की चरणबद्ध प्रक्रिया के तहत चक्रवात का नाम रखा जाता है।
आठ उत्तरी भारतीय समुद्री देश बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यानमार, ओमान, पाकिस्तान , श्रीलंका और थाईलैंड एक साथ मिलकर आने वाली चक्रवाती तूफान के 8 हर देश के आठ आठ नाम तय करते हैं। जब चक्रवात इन आठों देशों के किसी हिस्से में पहुंचता है सूची से अगला दूसरा सुलभ नाम रख दिया जाता है इन 8 देशों की ओर से सुझाए गए नामों के पहले अक्षर के अनुसार उनका क्रम तय किया जाता है और उसी हिसाब से चक्रवाती तूफान के नाम से जाने जाते हैं। आपको बता दें साल 2004 में चक्रवाती तूफान के नामकरण की यह प्रक्रिया शुरू की गई थी।