शिमला। दीपावली यानी दीपों का पर्व, जो हर हिंदोस्तानी के लिए आस्था का महान पर्व माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्त्व है। माना जाता है कि दिवाली की रात को ही माता लक्ष्मी सभी पर सबसे ज्यादा अपनी कृपा बरसाती हैं। जिन घरों में साफ-सफाई, प्रकाश और विधि-विधान से देवी-देवताओं की पूजा-आराधना व मंत्रों पाठ होता है मां लक्ष्मी वहीं पर निवास करने लगती हैं। जिस कारण से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, वैभव और धन की कभी भी कमी नहीं होती है।
हर वर्ष हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। दिवाली पर घरों को दीए की रोशनी में बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया जाता है। दिवाली की शाम को मुख्य रूप से माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, देवी सरस्वती, कुबेर और काली मां की पूजा होती है। मां के पूजन का सबसे शुभ मुहूर्त गुरुवार शाम छह बजकर दस मिनट से लेकर रात आठ बजकर छह मिनट तक का है।