Shiva Mantra || श्रावण मास में भगवान शिव की कृपा पाने के लिए आप अपनी मनोकामना या फिर सुविधा के अनुसार महादेव के किसी एक मंत्र को चुन सकते हैं । हिंदू मान्यता के अनुसार साधक ने जिस स्थान पर भगवान शिव का मंत्र जप प्रारंभ किया है, उसे उसी स्थान पर आगे ही करना चाहिए । देवों के देव महादेव के किसी भी मंत्र का जप एक सुनिश्चित स्थान पर एक निश्चित समय पर ही करना चाहिए ।
हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान भोलेनाथ का मंत्र तभी सिद्ध होता है, जब आप उसे पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ जपते हैं श्रद्धा के साथ जपें मंत्र
हिंदू परंपरा के अनुसार भगवान शिव का जप हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए मान्यता है कि भगवान शिव के मंत्र का जप करते समय भगवान शिव के सम्मुख दीया या धूप बत्ती जरूर जलती रहना चाहिए भगवान शिव के मंत्र का जप हमेशा भगवान शिव प्रसाद माने जाने वाले रुद्राक्ष की माला से ही करना चाहिए हिंदू मान्यता के अनुसार शिव मंत्र जप करते समय माला किसी को नहीं दिखाई देनी चाहिए, इसलिए उसे हमेशा गोमुखी में रखकर ही जपें मंत्र जप को हमेशा लाल रंग के ऊनी आसन पर बैठकर ही जपना चाहिए. कभी भूलकर भी जमीन पर बैठकर मंत्र नहीं जपना चाहिए
मंत्र जप करते समय आपकी माला किसी को न दिखाई दे, इसके लिए उसे गोमुखी में रखकर इस पावन मंत्र का जप करें.
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।।
12 राशियों के अनुसार शिव मंत्र
मेष – ॐ नम: शिवाय।।
वृष – ॐ नागेश्वराय नमः।।
मिथुन – ॐ नम: शिवाय कालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नम:।।
कर्क – ॐ चंद्रमौलेश्वर नम:।।
सिंह – ॐ नम: शिवाय कालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नम:।।
कन्या – ॐ नमो शिवाय कालं ॐ नम:।।
वृश्चिक – ॐ हौम ॐ जूँ स:।।
धनु – ॐ नमो शिवाय गुरु देवाय नम:।।
मकर – ॐ हौम ॐ जूँ स:।।
कुंभ – ॐ हौम ॐ जूँ स:।।
मीन – ॐ नमो शिवाय गुरु देवाय नम:।।