भक्ति: जानिए आठवीं शताब्दी की सुकेत नगरी के राजा वीरसेन द्वारा स्थापित शिवलिंग का राज, आज भी नीले आकाश के नीचे हैं विराजमान
Devotion: Know the rule of Shivling established by King Viresen of Suket city of eighth century, still resides under the blue sky

उमेश भारद्वाज। मंडी: देवभूमि हिमाचल प्रदेश का जिला मंडी छोटी काशी के नाम से संपूर्ण प्रदेश में विख्यात है। छोटी काशी मंडी के कण-कण में साक्षात शिव भगवान के दर्शन होते हैं। अगर यहां के देवायलयों की बात करें तो मंडी जिला के विभिन्न स्थानों पर शिव महिला सहसा देखने को मिल जाती है। ऐसा ही एक शिवलिंग मंडी जिला की उप तहसील पांगणा के बेलर पंचायत में विराजमान है। बता दें कि रियासतकालीन समय में पांगणा सुकेत रियासत की राजधानी हुआ करती थी और आज भी यहां कई प्राचीन मंदिर विद्यामान हैं।
बेलर गांव के देहरी की ऊंची टेकड़ी पर स्थित महामाया पांगणा के नाम से विख्यात भीमाकाली मंदिर के परिसर में खुले आसमान के नीचे स्थापित शिवलिंग का अलग ही महत्व है। इस शिवलिंग के ऊपर छत नहीं हैं और क्षेत्र में आस्था का एक केंद्र हैं। स्थानीय समाजसेवी एवं पुरातत्व वेता जगदीश शर्मा ने बताया कि उप तहसील पांगणा की बेलर पंचायत का बेलर गांव न केवल अपनी ऐतिहासिकता के लिए प्रसिद्ध है बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी बहुत समृद्ध है।
उन्होंने कहा कि वह बेलर और आस-पास के गांव में अनेक मंदिर स्थापित हैं। बेलर गांव के सामने मान्यता है कि यह स्वयंभू शिवलिंग है। जगदीश शर्मा ने कहा कि आठवीं शताब्दी में इस स्थान पर सुकेत रियासत के संस्थापक राजा वीरसेन ने अस्थायी किला बनवाया और सपरिवार रहने लगे थे। उन्होंने कहा कि मान्यतानुसार राजा वीर सेन ने इस स्थान पर शिव और शक्ति की स्थापना की थी।