Chamba Pangi News: पांगी में बारिश के कारण चसग गांव में 5 परिवारों के घरों में आई दरारें, रातों-रात हुए बेघर

Chamba Pangi News:  हिमाचल की दुर्गम पांगी घाटी में मॉनसून का कहर जारी है। लगातार हो रही बारिश के कारण सेचू पंचायत के चसग गांव में पांच परिवारों के घरों में गहरी दरारें आ गई हैं, जिसके बाद प्रशासन ने उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है।

Chamba Pangi News:  पांगी (चंबा): हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश अब कहर बनकर बरस रही है। इस आसमानी आफत से प्रदेश का दुर्गम जनजातीय क्षेत्र पांगी घाटी (Pangi Valley) भी अछूता नहीं रहा है। एक तरफ जहां घाटी का संपर्क देश-दुनिया से कटा हुआ है, वहीं दूसरी ओर अब लोगों के आशियाने भी उजड़ने लगे हैं। घाटी की ग्राम पंचायत सेचू के चसग गांव में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण पांच परिवारों को अपने घर खाली करने पड़े हैं, जिससे वे रातों-रात बेघर हो गए हैं।

घरों में आई दरारें, खाली करने पड़े आशियाने
मिली जानकारी के अनुसार, लगातार बारिश के कारण चसग गांव के पांच घरों की दीवारों और नींव में मोटी-मोटी और गहरी दरारें आ गई हैं, जिससे इन घरों के गिरने का खतरा पैदा हो गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत इन परिवारों को घर खाली करने के आदेश जारी किए। अपनी जान बचाने के लिए इन परिवारों को भारी मन से अपने घरों को छोड़ना पड़ा है। प्रभावित परिवारों में देस राज, श्याम सिंह, राजीव, राम शरण और रतन सिंह के परिवार शामिल हैं। इन लोगों ने अपनी आंखों के सामने अपने घरों को उजड़ते देखा है, जिसमें उनकी जीवन भर की जमा-पूंजी लगी थी।

क्या बोले पंचायत प्रधान?
मामले की पुष्टि करते हुए सेचू पंचायत के प्रधान सुरेंद्र कुमार ने बताया, “गांव में स्थिति चिंताजनक है। भारी बारिश के कारण पांच परिवारों के घरों में खतरनाक दरारें आ गई हैं, जिसके बाद उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। हमने प्रशासन को स्थिति से अवगत करा दिया है और प्रभावित परिवारों के लिए तत्काल राहत की मांग की है।”

घटना की सूचना मिलते ही पांगी प्रशासन भी हरकत में आ गया है। प्रशासन की ओर से मौके पर स्थिति का जायजा लेने और नुकसान का आकलन करने के लिए एक पटवारी को भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद प्रभावित परिवारों को सरकारी मानदंडों के अनुसार मुआवजा और राहत प्रदान की जाएगी। यह आपदा पांगी के लोगों के लिए एक दोहरी मार की तरह है। एक तरफ वे पहले से ही सड़क मार्ग बंद होने के कारण घाटी में कैद हैं, और अब उनके सिर से छत भी छिन रही है, जिससे उनकी मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं।