Chamba Pangi News || पांगी में वन विभाग के वर्करों का फूटा दर्द, दिसंबर बीत गया पर नहीं मिली सैलरी, अब कैसे चलेगा घर?

Chamba Pangi News || चंबा जिले के जनजातीय क्षेत्र पांगी में वन विभाग की 16 नर्सरियों में काम करने वाले 45 वर्करों को अभी तक वेतन नहीं मिला है। साल का आखिरी महीना बीत जाने के बाद भी सैलरी न मिलने से इन कर्मचारियों के सामने भारी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

Chamba Pangi News || पांगी: जिला चंबा के उपमंडल पांगी में वन विभाग के कर्मचारियों के लिए नया साल खुशियों की जगह चिंताएं लेकर आया है। वन मंडल पांगी के तहत आने वाली 16 अलग-अलग नर्सरियों में दिन-रात मेहनत करने वाले करीब 45 नर्सरी वर्करों को अब तक उनका मेहनताना नहीं मिल पाया है। दिसंबर का महीना खत्म हो चुका है और नया साल दरवाजे पर है, लेकिन वेतन जारी न होने की वजह से इन वर्करों और इनके परिवारों के सामने एक गंभीर समस्या खड़ी हो गई है। हालात यह हैं कि अब इनके लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल होता जा रहा है।

नर्सरी वर्करों का कहना है कि पिछले एक साल से नियमित वेतन न मिलने के कारण उनकी पूरी गृहस्थी का बजट बिगड़ चुका है। सबसे ज्यादा परेशानी उन कर्मचारियों को हो रही है जिनके बच्चे पांगी घाटी से बाहर दूसरे शहरों में पढ़ाई कर रहे हैं। समय पर सैलरी न आने से वे न तो बच्चों की कॉलेज या स्कूल की फीस भर पा रहे हैं और न ही उनके रहने-खाने का खर्च भेज पा रहे हैं। इस वेतन समस्या के चलते कई कर्मचारियों को अपनी दैनिक जरूरतें पूरी करने के लिए दुकानदारों से उधार लेना पड़ रहा है या फिर कर्ज मांगकर काम चलाना पड़ रहा है।

वर्करों का कहना है कि वे वन विभाग के लिए पौध उत्पादन, रोपण और उनकी देखभाल जैसा महत्वपूर्ण काम पूरी ईमानदारी और लगन से करते हैं। पांगी जैसी जगह पर, जहां कड़ाके की ठंड पड़ती है, वहां भी वे अपनी ड्यूटी से पीछे नहीं हटते। लेकिन इसके बदले में समय पर वेतन न मिलना उनके मनोबल को पूरी तरह से तोड़ रहा है। विभाग की यह forest department negligence उनकी परेशानियों को दोगुना कर रही है। स्थानीय लोगों का भी मानना है कि ये वर्कर ही नर्सरियों की रीढ़ हैं और उनके वेतन में देरी करना किसी भी तरह से न्यायसंगत नहीं है।

अब थक-हारकर नर्सरी वर्करों ने वन विभाग के आला अधिकारियों और जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। उन्होंने मांग की है कि उनका रुका हुआ वेतन जल्द से जल्द जारी किया जाए ताकि वे सम्मान के साथ अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें। साथ ही, इन कर्मचारियों ने चेतावनी भी दी है कि अगर उनकी सुनवाई जल्द नहीं हुई, तो वे चुप नहीं बैठेंगे। वे सामूहिक रूप से लामबंद होकर अपनी मांगों को लेकर workers protest करने को मजबूर हो जाएंगे।