Pangi Festival 2025: पांगी: पांगी में जुकारू उत्सव व खौउल उत्सव को लेकर इस साल अलग-अलग तारीखों में मनाया गया है। वहीं कुछ पंचायतों में जुकारू व खौउल मेला मना चुके है। वहीं अन्य पंचायतों में आज से आगाज हुआ है। पांगी किलाड़, मिंधल, साच, कुमार, परमार, फिंडरू व कुलाल में आज खौउल उत्सव धूमधाम से मनाया गया। खाउल त्योहार को पांगीवासी बड़े धूमधाम से मना रहे हैं। पांगीवासियों में मान्यता है कि मशाल जलाकर लोग अपने पूर्वजों को भी याद करते हैं। वहीं हर क्षेत्र के गांव में अपनी कुलदेवी की पूजा-अर्चना करते है। पांगी घाटी में सबसे आखिरी गांव सुराल से यह त्योहार शुरू किया जाता है, जो जम्मू के बॉर्डर के साथ लगता गांव है।
खाउल त्योहार से जुड़ी एक मान्यता यह भी है कि पांगी घाटी में सर्दियों के दिनों राक्षस राज होता है, जिन्हें अपने क्षेत्र से भगाने के लिए लोग सर्वप्रथम इस त्योहार को मनाते हैं। इस त्योहार के दिन पांगी घाटी के लोग विशेष पूजा-अर्चना के बाद अपने घरों से मशाल निकालते हैं और उस मशाल के माध्यम से राक्षसों को भागाते हैं। उधर पांगी घाटी के साच पंच नाग देवता के चेला इंद्र सिंह ने बताया कि पांगी में आज से खौउल उत्सव का आगाज हो गया है। उन्होंने बताया कि इसके 15 दिनों बाद पांगी में जुकारू का पर्व शुरू होगा। जिसको लेकर हर पंचायत के लोग काफी उत्त्षक रहते हैं। खाउल त्योहार के दौरान पांगी वासी पारंपरिक वेशभूषा में तैयार होकर विभिन्न प्रकार के व्यंजन मंडे, हलवा, पूरी, कड्डी, चावल, दाल बनाते हैं।
![Advertisement](https://pangighatidanikapatrika.in/wp-content/uploads/2025/02/ads_page-0001.webp)