Pangi Jukaru Festival 2025: पांगी: हर साल की तरह, इस बार भी पांगी घाटी (Pangi Valley) में सर्दीयों (winter) में होने वाले प्रमुख त्योहारों (festivals) की तिथियाँ घोषित कर दी गई हैं। पंगवाल समुदाय (Pangwal community) के बीच इन त्योहारों (festivals) के आयोजन को लेकर किसी प्रकार के मतभेद (differences) से बचने के लिए पाँच प्रजा कमेटी (Panch Praja Committee) मिंधल ने एक अहम बैठक (meeting) का आयोजन किया।
बैठक (meeting) की अध्यक्षता माँ भगवती मिंधल वासिनी (Maa Bhagwati Mindhal Vasini) के चरणों में अध्यक्ष चुनी लाल बर्मा (Chuni Lal Burma) ने की। इस बैठक (meeting) में सभी त्योहारों (festivals) की तिथियों पर सहमति (agreement) बनी। कमेटी द्वारा यह निर्णय लिया गया कि पांगी घाटी (Pangi Valley) का प्रसिद्ध खौल का त्योहार (Khaul festival) 25 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) के दिन, बुधवार (Wednesday) की रात को मनाया जाएगा। इसके बाद, छोटी खौल (Chhoti Khaul) 13 फरवरी 2025 को, शुक्रवार (Friday) की रात को मनाई जाएगी।
बैठक (meeting) में यह भी निर्णय लिया गया कि महाशिवरात्रि (Maha Shivaratri) 26 फरवरी 2025 को बुधवार (Wednesday) को मनाई जाएगी। इस दिन को विशेष रूप से पांगी के सभी भक्तों (devotees) द्वारा भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा के रूप में मनाया जाता है। इसके बाद, 27 फरवरी 2025 को सिल्ह (Jukaru Mela) का आयोजन वीरवार (Thursday) को होगा। यह मेला (fair) घाटी के प्रमुख धार्मिक आयोजनों (religious events) में से एक है, जिसमें स्थानीय लोग (locals) अपनी परंपराओं (traditions) का पालन करते हुए हिस्सा लेते हैं।
28 फरवरी 2025 को पड़ीद जुकारू (Padid Jukaru) का त्योहार (festival) मनाया जाएगा, जो पांगी (Pangi) की सांस्कृतिक धरोहर (cultural heritage) को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका (role) निभाता है। इस दिन, लोग (people) पारंपरिक गीतों (songs) और नृत्य (dance) के साथ आनंदित होते हैं। अंत में, 9 मार्च 2025 को दशालु का त्योहार (Dashalu festival) मनाया जाएगा, जो माँ भगवती मिंधल वासिनी (Maa Bhagwati Mindhal Vasini) के दरबार (court) में आयोजित किया जाएगा।
प्रजा कमेटी (Panch Praja Committee) ने पांगी घाटी (Pangi Valley) के सभी निवासियों (residents) से आग्रह किया है कि वे इन मेलों (fairs) को मिलकर और खुशी-खुशी मनाएं, ताकि घाटी (valley) की सांस्कृतिक एकता (cultural unity) बनी रहे। पांगी घाटी (Pangi Valley) के लोग (people) इन त्योहारों (festivals) का बेसब्री से इंतजार (await) कर रहे हैं, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण (important) हैं, बल्कि स्थानीय संस्कृति (local culture) और परंपराओं (traditions) को भी संजोते हैं।