New Rule of Aadhaar || Aadhaar का नया नियम! बच्चों के Baal Aadhaar में तुरंत करें बायोमैट्रिक अपडेट, ये है आसान तरीका

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New rule of Aadhaar || आजकल, आधार कार्ड (Aadhaar Card) हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। आधार कार्ड अब बच्चों और बड़ों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। आधार के बिना आपके बच्चे सरकारी कार्यक्रमों का लाभ नहीं उठा सकते। अब बच्चे का आधार स्कूल में एडमिशन के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आपने अपने बच्चे का आधार कार्ड अभी तक नहीं बनाया है, तो आपको भविष्य में कई मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। तुरंत अपने बच्चे का आधार कार्ड बनवा लें। यहां हम आपको आधार बनवाने का सबसे आसान तरीका बताने जा रहे हैं।

यूआईडीएआई (UIDAI) के अनुसार, पांच साल से कम उम्र के बच्चों का आधार कार्ड (New Rule of Aadhaar) बनाने पर कोई शुल्क भी नहीं लिया जाता है। इसके लिए रेटिना स् कैन और बच्चों की बायोमेट्रिक जांच नहीं की जाती। इस बाल आधार कार्ड को वापस लेना होगा। जब बच्चे को पांच साल की उम्र हो जाएगी, तो उसे नया आधार कार्ड बनाना होगा। UIDAI (आधार कार्ड जारी करने वाली संस्था) की डोरस् टेप सेवा का उपयोग करना भी आसान है। इसमें कर्मचारी घर पर आकर आधार सेवाएं देते हैं।

संविधान के अनुसार, कर्मचारियों को इस विषय में ट्रेनिंग दी गई है और दूर-दराज के गांवों में भी यह सुविधा उपलब्ध है। भारतीय आधार कार्ड प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने सभी भारतवासी को आधार कार्ड बनाने का आदेश दिया है। इसमें उम्र की कोई सीमा नहीं है। वहीं, नवजात शिशुओं को आधार के लिए भी अस् पताल नामांकित कर रहे हैं। अस् पताल बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के साथ-साथ आधार एक्नोलेजमेंट स्लिप भी देते हैं।

बच्चे का आधार कार्ड बनवाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र पर्याप्त है। यदि आपके पास बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र भी नहीं है, तो अस् पताल से जारी किया गया डिस् चार्ज सर्टिफिकेट या स्कूल का आईडी कार्ड पर्याप्त है। इसके अतिरिक्त, माता या पिता में से किसी एक का आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस जैसे वैलिड आईडी प्रूफ होना चाहिए। बाल आधार कार्ड के लिए बच्चे की फोटो और माता-पिता में से किसी एक का आधार कार्ड आवश्यक है। यही कारण है कि अगर माता-पिता का कोई आधार नहीं है, तो पहले उसे बनाना होगा। बाल आधार कार्ड पांच साल की उम्र तक रहेगा. पांच साल की उम्र के बाद बच्चे का दूसरा आधार कार्ड बनाया जाएगा। इसके लिए उंगलियों, आईरिस स् कैन और फोटो का बायोमैट्रिक डेटा देना होगा। वह 15 साल का होने पर फिर से आधार नामाकंन की प्रक्रिया दोहराई जाएगी।

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