Salary Hike || राज्य कर्मचारियों को जल्द मिलेगी खुशखबरी, वेतन बढ़ोतरी पर सरकार का मंथन जारी

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

Salary Hike ||  30 फीसदी वेतन वृद्धि की मांग कर रहे कर्मचारियों (employees ) ने मांग की है कि राज्य सरकार अगले दो सप्ताह में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन वृद्धि पर फैसला ले। के सुधाकर राव की अध्यक्षता (presidential ) वाले सातवें वेतन आयोग ने 16 मार्च को राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। हालांकि, रिपोर्ट सौंपे जाने के एक दिन बाद ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। इस तरह आचार संहिता लागू  हो गई और सरकारी कर्मचारी रिपोर्ट लागू होने का इंतजार कर रहे हैं। आचार संहिता हटते ही सरकार सबसे पहले हमारी मांग पर विचार करेगी।उन्होंने चेतावनी दी कि यदि निर्णय नहीं लिया गया तो आंदोलन किया जाएगा। वेतन आयोग की रिपोर्ट के कार्यान्वयन की प्रतीक्षा है।हालांकि, कर्मचारी संघ ने इस मामले पर कैबिनेट बैठक में चर्चा नहीं होने पर नाराजगी जताई है और चेतावनी दी है कि सिद्धारमैया सरकार दो सप्ताह के भीतर इस मामले पर निर्णय ले, अन्यथा वे विरोध प्रदर्शन करेंगे।

कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रमेश सांगा ने कहा कि अगर इस संबंध में उदासीन रवैया जारी रहा तो वे राज्य स्तरीय संगठन से चर्चा कर विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार करेंगे।राज्य सरकार को तुरंत मजदूरी में 30 प्रतिशत (thirty percent) की वृद्धि करनी चाहिए।सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट इस लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले मार्च में ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के पास पहुंच गई थी। मुख्यमंत्री ने चुनाव के बाद रिपोर्ट जारी करने का वादा किया था।

हालांकि, कर्मचारी संघ ने एक विज्ञप्ति में कहा कि गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया। कांग्रेस सरकार अपनी पांच गारंटी योजनाओं (schemes ) पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। इसलिए आरोप लग रहे हैं कि वेतन आयोग का क्रियान्वयन धीमा है।इसके अलावा सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू होने से सरकारी खजाने पर 17,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी से सरकार (government ) के खजाने पर बोझ बढ़ेगा और सरकार इस संबंध में भी निर्णय ले रही है।

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