Cricketer on Currency Note: ये हैं दुनिया के इकलौते क्रिकेटर जिनकी फोटो छपती है नोट पर, भारत से है गहरा और खास कनेक्शन

 Cricketer on Currency Note: क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसा क्रिकेटर भी हुआ है, जिसकी महानता का सम्मान करने के लिए उसके देश ने अपनी करेंसी नोट पर उसकी तस्वीर छापी थी? यह सम्मान क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर या सर डॉन ब्रैडमैन को भी नहीं मिला। यह खिलाड़ी कोई और नहीं, बल्कि वेस्टइंडीज के दिग्गज सर फ्रैंक वॉरेल (Sir Frank Worrell) हैं।

 
Cricketer on Currency Note

Image caption: Cricketer on Currency Note

Cricketer on Currency Note:  नई दिल्ली: क्रिकेट की दुनिया ने एक से बढ़कर एक दिग्गज देखे हैं। सर डॉन ब्रैडमैन से लेकर सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली तक, इन खिलाड़ियों ने अपने खेल से करोड़ों दिलों पर राज किया है। लेकिन क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि किसी क्रिकेटर का कद इतना बड़ा हो कि उसका देश उसे सम्मानित करने के लिए अपनी करेंसी नोट पर उसकी तस्वीर छाप दे? यह एक ऐसा सम्मान है जो किसी भी खिलाड़ी के लिए सबसे बड़े पुरस्कार से भी बढ़कर है। यह अनूठा और दुर्लभ सम्मान मिला है वेस्टइंडीज के महान ऑलराउंडर और पहले अश्वेत कप्तान, सर फ्रैंक वॉरेल को।

सर फ्रैंक वॉरेल: एक क्रिकेटर से बढ़कर
सर फ्रैंक वॉरेल सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं थे, बल्कि वे एक प्रेरणा थे। 1924 में बारबाडोस में जन्मे वॉरेल ने वेस्टइंडीज क्रिकेट को एक नई पहचान दी। वह उन प्रसिद्ध "Three Ws" (वॉरेल, वीक्स और वॉलकॉट) में से एक थे, जिनकी बल्लेबाजी ने दुनिया भर के गेंदबाजों में खौफ पैदा कर दिया था। लेकिन उनकी महानता सिर्फ उनके खेल तक सीमित नहीं थी। वह वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के स्थायी रूप से नियुक्त होने वाले पहले अश्वेत कप्तान थे। उन्होंने अपनी कप्तानी में टीम को एकजुट किया और उसे एक नई ऊंचाई पर ले गए।

जब नोट पर छपी क्रिकेटर की तस्वीर
क्रिकेट के मैदान पर और मैदान के बाहर उनके असाधारण योगदान के सम्मान में, उनके गृह देश बारबाडोस की सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान दिया। बारबाडोस के सेंट्रल बैंक ने अपने 5 डॉलर के करेंसी नोट पर सर फ्रैंक वॉरेल की तस्वीर छापी। आज भी यह नोट चलन में है और यह उन्हें दुनिया का एकमात्र क्रिकेटर बनाता है जिन्हें यह अनोखा गौरव प्राप्त हुआ है। यह सम्मान उनकी खेल भावना, नेतृत्व क्षमता और सामाजिक प्रभाव को सलाम करता है।

भारत से क्या है सर फ्रैंक वॉरेल का गहरा नाता?
सर फ्रैंक वॉरेल की कहानी भारत के बिना अधूरी है। उनका भारत से एक ऐसा भावनात्मक रिश्ता है जो खेल की सीमाओं से कहीं ऊपर है। यह किस्सा है साल 1962 का, जब वेस्टइंडीज की टीम भारत दौरे पर आई हुई थी। इस दौरे के दौरान एक मैच में भारतीय कप्तान नारी कॉन्ट्रैक्टर (Nari Contractor) के सिर पर तेज गेंदबाज चार्ली ग्रिफिथ की एक गेंद लग गई। चोट इतनी गंभीर थी कि नारी कॉन्ट्रैक्टर मैदान पर ही बेहोश हो गए और उनकी जान पर बन आई।

उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने कहा कि उनकी जान बचाने के लिए तत्काल खून की जरूरत है। जैसे ही यह खबर वेस्टइंडीज के कप्तान सर फ्रैंक वॉरेल तक पहुंची, वह बिना एक पल गंवाए खून देने के लिए अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने न केवल खुद रक्तदान किया, बल्कि अपनी पूरी टीम को भी रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया। वॉरेल की इस महान खेल भावना और इंसानियत ने नारी कॉन्ट्रैक्टर की जान बचा ली। इस घटना ने भारत और वेस्टइंडीज के बीच क्रिकेट के रिश्तों को हमेशा के लिए एक नई मजबूती दी। भारत में आज भी उन्हें सिर्फ एक महान क्रिकेटर के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक महान इंसान के तौर पर भी याद किया जाता है। सर फ्रैंक वॉरेल की कहानी यह साबित करती है कि खेल सिर्फ हार-जीत का नाम नहीं है, बल्कि यह इंसानियत, सम्मान और दो देशों को जोड़ने का भी एक जरिया है।

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